Third Eye Today News

हाटी समुदाय के मामले में 16 दिसंबर को होगी हाई कोर्ट में अगली सुनवाई

Spread the love

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में निवास करने वाला हाटी समुदाय अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। वर्षों से यह समुदाय अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है और जनजातीय अधिकार पाने की लड़ाई लड़ रहा है।

पिछले वर्ष 4 अगस्त 2023 को, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के लिए दूसरा अनुसूचित जनजाति विधेयक संसद में पारित कराया। इसके बाद, राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2024 को इस कानून को लागू किया। हालांकि, इस फैसले को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसके बाद अदालत ने इस कानून पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को होगी।

हाटी विकास मंच ने संभाली नेतृत्व की बागडोर
हाटी विकास मंच हिमाचल प्रदेश (पंजीकृत) के प्रांत अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा ने शिमला में हुई राज्य कार्यकारिणी बैठक में कहा कि मंच न्यायालय में समुदाय के अधिकारों की पैरवी कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले भी मंच ने राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर विधायिका और कार्यपालिका के माध्यम से इस मुद्दे को हल करवाने का प्रयास किया।

संगठन महासचिव मोहन शर्मा और कोषाध्यक्ष एडवोकेट वीएन भारद्वाज ने बताया कि मंच ने समुदाय के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र और राज्य सरकारों के सामने प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में हाटी समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति का विस्तार से वर्णन किया गया। मंच ने विधायकों, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों को इस विषय की गंभीरता समझाई, जिससे विधायिका ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया। डॉ. अनिल भारद्वाज और शिमला इकाई के अध्यक्ष सतपाल चौहान ने कहा कि मंच ने समुदाय के भीतर व्यापक जागरूकता अभियान चलाए। गांव-गांव जाकर रैलियां, जनसभाएं और सेमिनार आयोजित कर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।

 

मंच के कानूनी सलाहकार एडवोकेट श्याम सिंह चौहान ने कहा कि कानूनी चुनौतियों के बावजूद मंच अपने ऐतिहासिक और संवैधानिक तर्कों के आधार पर उच्च न्यायालय में मजबूती से पक्ष रख रहा है। उन्होंने कहा, “यह केवल कानूनी अधिकारों की नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व, सम्मान और सांस्कृतिक पहचान को बचाने की लड़ाई है।

संघर्ष जारी, निगाहें फैसले पर
हाटी विकास मंच का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ हाटी समुदाय के अधिकारों की नहीं, बल्कि समानता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है। अब सभी की नजरें 16 दिसंबर 2024 की सुनवाई पर टिकी हैं। मंच को उम्मीद है कि न्यायालय का निर्णय हाटी समुदाय के पक्ष में आएगा और उनका संघर्ष सफल होगा।

इस बैठक में प्रदीप सिंह सिंगटा, मोहन शर्मा, एडवोकेट वीएन भारद्वाज , एडवोकेट श्याम सिंह चौहान, अत्तर सिंह तोमर, विवेक तोमर, बलदेव समयाल,जिला शिमला के अध्यक्ष सतपाल चौहान, मंच के मुख्य सलाहकार कमल शर्मा, डॉ अनिल भारद्वाज, केडी ठाकुर, नितेश, विजय कुमार ,अर्जुन सिंह, एडवोकेट रोहन तोमर आदि उपस्थित रहे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक