हरिपुरधार में कथित सहकारी कंपनी ने 6 लाख की जमा पूंजी पर किया हाथ साफ
नौहराधार मार्ग पर स्थित हरिपुरधार बाजार में संचालित तथाकथित सहकारी कंपनी “यथावत संचित निधि लिमिटेड” पर करीब तीन दर्जन लोगों की 6 लाख से अधिक की जमा पूंजी हड़पने का आरोप लगा है। कंपनी मार्च महीने में हरिपुरधार बाजार में एक प्राइवेट बैंक के रूप में शुरू हुई थी। स्थानीय लोगों को आकर्षक ब्याज दरों का झांसा देकर कंपनी ने जुलाई तक लाखों रुपए जुटाए। लेकिन अगस्त में कंपनी ने अचानक अपने कार्यालय पर ताला लगा दिया और गायब हो गई।शनिवार को करीब 30 पीड़ितों ने पुलिस चौकी हरिपुरधार में कंपनी के मालिक गुमान सिंह, उनकी पत्नी अमिता और एक अन्य सहयोगी संदीप के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ताओं में नारायण सिंह, हरदेव राणा, अमन, अर्चना देवी, केदार सिंह समेत कई अन्य लोग शामिल हैं। नारायण सिंह ने बताया कि उनके 72,600 रुपए, हरदेव राणा और अमन के 45-45 हजार रुपए, और अर्चना देवी के 50 हजार रुपए कंपनी ने हड़प लिए। कुल मिलाकर 45 लोगों के छह लाख रुपए से अधिक की रकम हड़पी गई है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कंपनी ने भुगतान के लिए चेक दिए थे, लेकिन दिए गए खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने के कारण सभी चेक बाउंस हो गए। जब उपभोक्ताओं ने कंपनी के मैनेजर और मालिक से संपर्क करने की कोशिश की, तो किसी ने फोन नहीं उठाया। एसएचओ संगड़ाह मनसा राम ने मामले की पुष्टि की है और बताया कि कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है। आरोपियों के नौहराधार क्षेत्र का निवासी होने की जानकारी मिली है। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू करने की बात कही है।