सोलन में शहीद दिवस पर सैमिनार का आयोजन, गांधी को दी गई श्रद्धांजली
जन एकता जन अधिकार मंच (JEJAA) इकाई सोलन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर, पर अहिंसा, सच्चाई, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भावना, धर्मनिरपेक्षता तथा स्वतंत्रता के आंदोलन में उनके योगदान वह भूमिका पर चर्चा की गयी। चर्चा के लिए एटक, सीटू, किसान सभा, जनवादी नौजवान सभा, जनवादी महिला समिति व दलित शोषण मुक्ति मंच के साथियों ने भाग लिया।
चर्चा में वक्ताओं ने आर्थिक मंदी, जीडीपी में गिरावट, बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार का पहला काम ये होना चाहिए कि लोगों को रोजगार कैसे दिया जाए और लोगों के हाथों में क्रयशक्ति कैसे पैदा की जाये, लेकिन सरकार जनता के मुद्दों पर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है। इसके विपरीत सरकार ऐसे मसलों को आगे बढ़ा रही है जो जनता में नफरत बढ़ाने का काम कर रही है। ये मुद्दे लोकतांत्रिक व संवैधानिक तौर पर भी भारत के संविधान का उल्लंघन करते हैं तथा इसके मूल भावों के विपरीत हैं। सी.ए.ए., एन.आर.सी. व एन.पी.आर. जैसे मुद्दों के माध्यम से सरकार लोगों की नागरिकता पर ही सवाल उठाने की निरंतर कोशिश में लगी हुई है। इन्हीं कारणों से राष्ट्र भर में असमंजस एवं कौतूहल की स्थिति बनी हुई है और आम जनता में भ्रम पैदा किया जा रहा है, जो हमारी सामाजिक एकता व धर्मनिरपेक्षता के बुनियादी ढांचे पर सीधे तौर पर हमला है।
जन एकता जन अधिकार मंच ,जनता को लामबंद करते हुए, राष्ट्रपति महोदय से माँग करता है कि:
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (NPR) जैसे देश विरोधी एवं संविधान विरोधी कानूनों और फैसलों को वापस लिया जाए।
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सार्वजनिक क्षेत्रों के, निजीकरण व विनिवेश को बढ़ावा देने वाली, बेरोजगारी बढ़ाने वाली, जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर आघात करने वाली नीतियों को वापस लिया जाए।
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शिक्षा के निजीकरण व व्यापारीकरण की नीतियों तथा छात्रों व शिक्षण संस्थानों पर राज्य द्वारा प्रायोजित हमलों पर तुरंत रोक लगाई जाए।