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सीजफायर के बाद हिमाचल का रुख करने लगे सैलानी, गुलजार होने लगे पर्यटन स्थल

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भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद पर्यटकों ने हिमाचल का रुख करना शुरू कर दिया है। शिमला, मनाली, चायल, कसौली, धर्मशाला, मैकलोडगंज सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की चहलकदमी बढ़नी शुरू हो गई है। सीमाओं पर तनाव के चलते जहां होटल खाली थे। अगले सप्ताह 70 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंचने की उम्मीद है। रविवार को राजधानी शिमला, कुफरी और नारकंडा सहित जलोड़ी जोत में पर्यटकों की खूब चहलपहल देखने को मिली। कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को वाहनों की आवाजाही में इजाफा देखने को मिली। रिज और मालरोड पर सैलानियों ने घुड़सवारी और फोटोग्राफी का लुत्फ उठाया। धर्मशाला और मैक्लोडगंज में भी सैलानियों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया है। पिछले दिनों दो फीसदी तक रही ऑक्यूपेंसी रविवार को करीब 35 फीस पहुंच गई। वहीं सोमवार को कोकसर घाटी में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे और बर्फ के बीच जमकर मस्ती की। खराब मौसम होने के बाद भी यहां सुबह से सैलानियों को पहुंचना जारी रहा।

सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख करने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है। पिछले दिनों के मुकाबले रविवार को पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। आने वाले दिनों में इस संख्या में और भी बढ़ावा होने की संभावना है।

 पर्यटन के लिए प्रसिद्ध कुल्लू घाटी में पिछले 20 दिन से पर्यटन सीजन मंदा चल रहा है। अभी तक होटलों की ऑक्यूपेंसी 50 फीसदी से अधिक नहीं बढ़ पाई है। इसका असर घाटी के सोझा, तीर्थन, जीभी, मणिकर्ण, मनाली के साथ लाहौल घाटी में पड़ा है। बता दें कि जिले में 15 अप्रैल से पर्यटन सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान एक सप्ताह तक अच्छी खासी संख्या में सैलानी कुल्लू-मनाली और लाहौल की वादियों में पहुंचे, मगर 22 अप्रैल को पहलगाम की घटना के बाद कारोबार बढ़ने के बजाय लगातार घटता गया। मनाली की बात करें तो वीकेंड में 2,000 से अधिक पर्यटक वाहन आ रहे थे, लेकिन अब 1000 से 1100 वाहनों की एंट्री हो रही है। अब भारत-पाकिस्तान युद्ध में सीजफायर होने से हजारों पर्यटन कारोबारियों को पर्यटन सीजन में पंख लगने की उम्मीद है।
 

युद्ध विराम से समूची घाटी के पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पिछले चार से पांच दिन में ही 90 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गई हैं। कारोबारियों के लिए एक बुरे सपने जैसा था। युद्ध जैसे हालात में कोई भी परिवार सहित छुट्टियां मनाने के लिए पहाड़ों का रुख नहीं कर रहा था।
सीजफायर से जिले के पर्यटन कारोबार के गति पकड़ने की उम्मीद है। पहलगाम हमले के बाद से पर्यटन कारोबार में लगातार गिरावट आई है। पिछले 20 दिन से होटलों और होमस्टे में 50 फीसदी की कमी आई है। कई सैलानियों ने अपनी बुकिंग भी रद्द की। अब सीजफायर होने से पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है। शक्तिपीठों में लौटने लगी रौनक
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद शक्तिपीठों में एक बार फिर से रौनक लौटती नजर आ रही है। शनिवार को जहां श्रद्धालुओं की संख्या नाममात्र रही, वहीं रविवार को मंदिरों में भक्तों की तादाद में इजाफा देखा गया। शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी में भी श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए हैं। हालांकि अपेक्षाकृत अभी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है। रविवार को करीब 7 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। गर्मियों में रविवार के दिन आमतौर पर 40 से 50 हजार श्रद्धालु पहुंचते है। वहीं ज्वालामुखी में 6,000, श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 1200 और कांगड़ा के बज्रेश्वरी में 600 के करीब श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक