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सरकार का दावा, समय पर होंगे पंचायत चुनाव, वार्डों के पुनर्गठन का 90 फीसदी काम पूरा

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हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव समय पर ही होंगे। सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश सरकार ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। वार्डों का पुनर्गठन का 90 फीसदी काम पूरा है। आवेदनों को प्रदेश सरकार ने रिव्यू किया है।वार्डों के पुनर्सीमांकन का काम तकरीबन पूरा किया जा चुका है। प्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार को मानते हुए पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव होंगे। पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसकी पुष्टि की है। जनवरी, 2026 में संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतें नहीं बनेंगी। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या 3,577 है। यह संख्या नहीं बदलेगी। कुछेक पंचायतों के आकार में बदलाव होगा। विभागीय स्तर पर चुनाव की तैयारियां पूरी हैं। 31 जनवरी से पहले भी पंचायतों के चुनाव होंगे।

चुनाव में नया रोस्टर लगाया जाना है या फिर रोटेशन के आधार पर रोस्टर लागू किया जाए, इस पर निर्णय लिया जाना है। चूंकि सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कई पंचायतें ऐसी हैं जहां सीट महिलाओं के लिए ही आरक्षित चल रही है। ऐसे मामलों को भी सरकार देख रही है।

नगर निकायों बनने के बाद दो साल तक कराना होगा चुनाव
प्रदेश में नगर निगम और नगर निकायों के गठन के बाद पहला चुनाव अब दो साल की अवधि में करवाना होगा। हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को राजपत्र में अधिनियम अधिसूचित कर दिया गया है। अब तक नगर निगम के गठन के 6 माह के भीतर चुनाव करवाया अनिवार्य था।

नगर निगम अधिनियम 1994 के अधिनियम की धारा 4 की उप धारा 4 में संशोधन किया गया है। प्रदेश सरकार ने अगस्त में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के भारी विरोध के बीच इसे लेकर विधेयक पारित किया गया था।

सरकार ने तर्क दिया था कि बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से तत्काल चुनाव संभव नहीं है। विधेयक में यह व्यवस्था की गई है कि नगर निगमों और अन्य नगर निकायों के चुनाव उनके गठन के दो साल के भीतर करवाए जा सकेंगे। सरकार इस प्रावधान को ऑर्डिनेंस लाकर पहले ही लागू कर चुकी है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक