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शूलिनी विवि में पत्रकारिता के छात्रों के लिए तथ्य जांच सत्र आयोजित

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शूलिनी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया  के छात्रों के लिए गूगल फैक्ट चेकिंग पर एक सत्र का आयोजन किया।सत्र की मुख्य वक्ता  मधुर सिंह थीं जो की  एक वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और विश्व आर्थिक मंच की संपादक, Google समाचार पहल के प्रशिक्षण नेटवर्क के साथ एक तथ्य-जांच प्रशिक्षक और खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में क्यूरेटर है ।सत्र का उद्घाटन स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया के निदेशक प्रोफेसर विपिन पब्बी  द्वारा  किया गया । उन्होंने समझाया कि किसी भी समाचार रिपोर्ट को दर्ज करने से पहले तथ्यों की जांच और क्रॉस-चेक करना क्यों महत्वपूर्ण है।

श्रीमति  मधुर ने दो संक्षिप्त सत्र आयोजित किए। पहला सत्र मुख्य रूप से इस बारे में था कि Google के माध्यम से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर प्रसारित होने वाली फर्जी खबरों और असंबंधित तस्वीरों का पता कैसे लगाया जाए। छात्रों को उपकरण और विभिन्न खुले मंच भी सिखाए गए। उन्होंने कहा, “गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए रिवर्स इमेज सर्च एक अविश्वसनीय रूप से आसान और मजेदार तरीका है और हमें युवाओं सहित जलवायु जागरूकता पर जोर देना चाहिए।दूसरा सत्र इस बारे में था कि कैसे आंकड़ों के साथ जलवायु परिवर्तन के मिथकों का भंडाफोड़ किया जा सकता है। उन्होंने कुछ वेबसाइटों  के जरिये जानकारी को आगे भेजने से पहले तथ्यों की जांच करने का भी सुझाव दिया।सत्र में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया  के एसोसिएट डायरेक्टर नीरज कुमार, सहायक प्रोफेसर डॉ निशा कपूर, सहायक प्रोफेसर डॉ रंजना ठाकुर, सहायक प्रोफेसर इंदु नेगी और सहायक प्रोफेसर पार्थ शर्मा के साथ-साथ सभी स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक