शिलाई क्षेत्र में बेसहारा पशुओं/ गायों को पशुशाला निर्माण बारे
1. शिलाई क्षेत्र में बेसहारा पशु व गायें राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर घूमते रहते हैं जिससे वे आजकल बरसात के मौसम में बाढ़ तथा भूस्खलन होने के कारण और राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर वाहनों की आवाजाही होने के कारण वे दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, जोकि चिन्ता का विषय बना हुआ है । मेरा तथा मेरी दुर्गम शिलाई क्षेत्र की जनता का आपसे आग्रह है कि इन बेसहारा बेजुबान पशुओं/ गायों के बचाव के लिए इस क्षेत्र में एक गऊशाला का निर्माण करवाया जाना अति अनिवार्य है ।
2. राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 पर जो बरसात के कारण भूस्खलन हो रहा है और उस मिट्टी को ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से सड़कों के किनारे या नालों में Dump किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा जो राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सुरक्षा दीवारों का काम किया जा रहा है उसमें भी बहुत ही घटिया किस्म की सामग्री (Material) का उपयोग किया जा रहा है, बरसात होने के कारण दीवारें गिर रही हैं, छोटे-छोटे खड्डे व नाले मिट्टी से भरे पड़े हैं और पानी का बहाव मार्ग पर होने से लोगों के खेतों में जा रहा है जिससे नकदी फसलों को बहुत नुकसान हो रहा है। जिसकी जांच करवाना अति आवश्यक है।
शिलाई क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी अति सुन्दर है तथा उत्तराखण्ड और जिला शिमला की बाऊंडरी के साथ लगता क्षेत्र है, इस क्षेत्र के नौजवान युवक बहुत संख्या में बेरोज़गार हैं यदि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाता है तो यहां आने वाले पर्यटक इस क्षेत्र के मनोरम दृश्य का लुत्फ उठा सकेंगे साथ ही यहां के बेरोज़गार नौजवान युवकों को भी रोज़गार मिल सकेगा व पर्यटन विभाग को भी लाभ मिल सकेगा।