हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला में चल रहे मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार (CM) ने चार विधेयक पेश किए। इसमें हिमाचल में नगर निगम कर्मचारियों व अधिकारियों का स्टेट कैडर करने संबंधी विधेयक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पेश किया।
इससे पहले विधानसभा के सत्र में न होने की वजह से सरकार निगम कर्मचारियों का स्टेट कैडर बनाने बारे अध्यादेश लाया गया था। संशोधन विधेयक को पेश होने के बाद अध्यादेश निरस्त हो गया है।
नगर निगम सेवाएं संशोधन विधेयक को प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले एकमात्र शिमला नगर निगम ही था। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में सोलन, धर्मशाला, पालमपुर व मंडी नगर निगम (MC) भी हैं। लिहाजा नगर निगम के कर्मियों अधिकारियों का स्टेट कैडर बनाना आवश्यक हो गया है।
विधेयक के पारित होने के बाद नगर निगमों में सेवारत 3 दर्जन से अधिक श्रेणियों के अधिकारियों व कर्मियों का स्टेट कैडर होगा। अर्थात इन्हें किसी भी नगर निगम में तब्दील किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने सडक़ द्वारा कतिपय माल के वहन में कर की दरों में विषमता को खत्म करने के मकसद से कराधान संशोधन विधेयक 2023 सदन में पेश किया। संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में सडक़ मार्ग पर चलने वाले वाहनों से ले जाए जाने वाले सामान पर एक समान दर से कर (Tax) लगेगा।
पहले 250 किमी से कम दूरी तय करने तथा 250 किमी से अधिक की दूरी तय करने पर कर की दर अलग-अलग थी। कर की दरें अलग होने पर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। मगर संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद सरकार को अलर अलर कर दरों से होने वाले 2.35 करोड़ के राजस्व का नुकसान नहीं होगा।
विधानसभा में हिमाचल प्रदेश जीएसटी (GST) संशोधन विधेयक मुख्यमंत्री ने पेश किया। इसके तहत केंद्र द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने के मकसद से जीएसटी कानून में किए गए संशोधन की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी जीएसटी कानून में संशोधन किया है। इसके अलावा हिमाचल में 50 लाख से अधिक की संपत्ति की खरीद पर 8 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगेगी। सरकार की तरफ से इससे संबंधित स्टांप ड्यूटी संशोधन विधेयक सदन में पेश किया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अनुपस्थिति में उनके द्वारा अधिकृत शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने संशोधन विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया।
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