Third Eye Today News

वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाली हिमाचल की बेटी रेणुका सिंह ठाकुर को रेलवे का बड़ा तोहफा

Spread the love

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार तेज गेंदबाज और हिमाचल प्रदेश की शान रेणुका सिंह ठाकुर के लिए रेलवे की तरफ से बड़ी खुशखबरी आई है। 2025 आईसीसी महिला विश्व कप में अपनी घातक गेंदबाजी से भारत का मान बढ़ाने वाली रेणुका को भारतीय रेलवे ने ‘आऊट-ऑफ-टर्न प्रमोशन’ देकर सम्मानित किया है। अब तक उत्तर रेलवे में कनिष्ठ लिपिक (जूनियर क्लर्क) के पद पर कार्यरत रेणुका अब सीधे अधिकारी बन गई हैं।

क्लर्क से बनीं राजपत्रित अधिकारी 
भारतीय रेलवे ने रेणुका सिंह ठाकुर के असाधारण प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी स्पाेर्ट्स) के ग्रुप ‘बी’ अधिकारी-ग्रेड पद पर पदोन्नत किया है। दाएं हाथ की मध्यम तेज गेंदबाज रेणुका, जिन्होंने विश्व कप के महत्वपूर्ण मैचों में अपनी स्विंग गेंदबाजी से विपक्षी टीमों के पसीने छुड़ा दिए थे, अब रेलवे में प्रशासनिक जिम्मेदारियां भी संभालेंगी।

वेतन और सुविधाओं में बड़ी बढ़ाैतरी
इस प्रमोशन के साथ ही रेणुका सिंह अब सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मैट्रिक्स के लेवल-8 के अंतर्गत ग्रुप ‘बी’ राजपत्रित अधिकारी के वेतन और भत्तों की हकदार होंगी। रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) का यह फैसला न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

स्नेह राणा और प्रतीका रावल को भी मिला सम्मान
रेणुका के साथ-साथ टीम की दो अन्य प्रमुख खिलाड़ियों स्नेह राणा और प्रतीका रावल को भी रेलवे ने पदोन्नत किया है। स्नेह राणा उत्तराखंड की यह ऑलराउंडर पहले कमर्शियल कम टिकट क्लर्क (सीसीटीसी) थीं, अब उन्हें भी ओएसडी (खेल) बनाया गया है। दिल्ली की सलामी बल्लेबाज और उत्तर रेलवे में वरिष्ठ लिपिक रहीं प्रतीका को भी ओएसडी (खेल) के पद पर प्रमोट किया गया है।

रेल मंत्री ने किया था सम्मानित
गौरतलब है कि इससे पहले नवम्बर में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में इन तीनों खिलाड़ियों को बुलाकर सम्मानित किया था। भारतीय रेलवे की यह पहल एथलीटों को प्रोत्साहित करने की अपनी लंबी परंपरा का हिस्सा है, जिससे खिलाड़ी खेल के साथ-साथ अपने भविष्य को लेकर भी सुरक्षित महसूस कर सकें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक