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लगातार जारी बारिश ने मचाई तबाही, प्रदेश में 1162 सड़कें बंद, जोगिंद्रनगर में तीन और श.व मिले

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माैसम विभाग के अलर्ट के बीच आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश तबाही मचा रही है। माैसम के कहर से राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। सैकड़ों सड़कें बंद हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे सात नेशनल हाईवे सहित 1162 सड़कें बंद रहीं। इसके अतिरिक्त 2477 बिजली ट्रांसफार्मर व 720 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हैं। कुल्लू जिले में 204, मंडी 282, शिमला 234, सिरमाैर 137, सोलन 92, कांगड़ा 60, लाहाैल-स्पीति 48 व चंबा जिले में 100 से अधिक सड़कें बाधित हैं। शिमला में भी रात से भारी बारिश हो रही है

सुंदरनगर के जंगमबाग में हुए भूस्खलन में अब तक छह की मौत
सुंदरनगर उपमंडल के जंगमबाग में मंगलवार शाम को अचानक हुए भीषण भूस्खलन ने पूरे इलाके को दहला दिया। चंद सेकंड में पहाड़ी से आए मलबे की जद में दो मकान आ गए और दो परिवारों के सदस्य मलबे में दफन हो गए। इनमें से तीन के शव मंगलवार को बरामद हो गए थे। बुधवार को भी तीन और शव बरामद किए गए हैं। जंगमबाग में हुए भूस्खलन में अब तक कुल 6 लोगों के शव बरामद हुए है। जिसमें पांच भूस्खलन की चपेट में आए थे जबकि एक स्कूटी पर जा रहा व्यक्ति था।  एनडीआरएफ की टीम ने घर की छत काटकर दो शवों को निकाला। दोनों की पहचान सुरेंद्र कौर और गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई। इसके अलावा मलबे से एक व्यक्ति का और शव मिला। यह शख्स स्कूटर समेत दबा हुआ था। इसकी पहचान डढ़याल निवासी प्रकाश शर्मा के रूप में हुई। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।  रात भर से लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है। उधर, एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान स्कूटी और एक गाड़ी का भी कुछ हिस्सा मिला है। गाड़ी में सवार व्यक्ति की तलाश अभी जारी है।

घरवासड़ा पंचायत में भूस्खलन से 15 घर क्षतिग्रस्त, लोग सुरक्षित स्थानों पर किए शिफ्ट, कुंडूनी गांव भी करवाया खाली
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल की नेर घरवासड़ा पंचायत में अचानक भूस्खलन होने से 15 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। आसपास के अन्य मकानों को भी खतरा देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं।  पंचायत प्रधान रीना ने जानकारी दी कि अब तक एक मवेशी के मलबे में दबने और 15 मकानों को नुकसान पहुंचने की पुष्टि हुई है। वहीं प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम जारी है। एसडीएम जोगिंद्रनगर मनीष चौधरी और तहसीलदार डॉ. मुकुल अनिल शर्मा राहत एवं बचाव कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। नेर गांव के लोग भी खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों की ओर शिफ्ट किए जा रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। जोगिंद्रनगर की नेर घरवासड़ा पंचायत के कुंडूनी गांव पर भी भूस्खलन का खतरा मंडरा गया है। प्रशासन ने गांव को खाली करवा दिया है। गांव में जमीन लगातार धंस रही है।

अखाड़ा बाजार में मकान पर भूस्खलन, मलबे में दबे दो लोग
कुल्लू जिला मुख्यालय के इनर अखाड़ा बाजार में बीती रात 11:45  बजे भूस्खलन में दो लोग दब गए। मकान के अंदर दबे दोनों लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान डटे हुए हैं। भारी भूस्खलन में मकान में रह रहा एक कश्मीरी मजदूर और दूसरा एनडीआरएफ का जवान दब गया। जबकि एक मजदूर खिड़की से बाहर सुरक्षित निकल गया। बताया जा रहा है कि इनर अखाड़ा के पीछे मठ क्षेत्र से भूस्खलन होने से यह घटना हुई है। उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश ने कहा कि रेस्क्यू अभियान जारी है।

किन्नाैर में पहाड़ी से गिरे बडे़-बड़े पत्थर, सड़क पर खड़ी कईं गाड़ियां क्षतिग्रस्त
जिला किन्नौर के सुंगरा के समीप पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है। इससे सड़क बाधित हो गई है। पत्थरों की चपेट में आने से कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है।  किन्नौर में बीती रात वांगतू में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से सड़क पर खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है।

मनाली-कुल्लू वामतट मार्ग हुआ बहाल, मनालसु में फंसा ट्रैवलर निकाला 
मनाली में अलेउ के समीप पेड़ गिरने के कारण बंद हुआ मनाली-कुल्लू वामतट मार्ग बहाल हो गया है। बुधवार को सुबह ही प्रशासन ने पेड़ को कटवाया। सड़क खुलने के बाद मनाली में जरूरी वस्तुए पहुंचनी शुरू हो गई हैं। वहीं मनालसु नदी में पानी बढ़ने से फंसे टेंपो ट्रैवलर को भी निकल लिया गया है। इसके लिए जेसीबी कि सहायता लेनी पड़ी। अब नदी का जलस्तर भी काफी कम हो गया है लेकिन गांव के लोगों की ओर से बनाई गई सड़क फिर बह गई है।

सुन्नी में जलस्तर थली पुल तक पहुंचा, कालीघाट, आईटीआई, जलमग्न 
सुन्नी में सतलुज नदी का जलस्तर थली पुल तक पहुंच गया है और नदी तटवर्ती क्षेत्र, जैसे कालीघाट, आईटीआई, जलमग्न हो गए हैं। कोल डैम के अधिकारियों से जलस्तर कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। एहतियात के तौर पर कल दो परिवारों को सुरक्षित आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया।

इन जिलों में स्कूल आज बंद
शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, बिलासपुर और कुल्लू  जिले में आज भी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है। मंडी जिले में कोटली, पधर, सरकाघाट, बल्ह, करसोग, बालीचौकी, धर्मपुर, सुंदरनगर, थुनाग, गोहर उपमंडल में शिक्षण संस्थान आज बंद रखे गए हैं। ऊना के बंगाणा उपमंडल में भी शिक्षण संस्थान बंद हैं।

प्रदेश में इतने दिन बरसेंगे बादल
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के कई भागों में 9 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। आज कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार अगले कुछ घंटों में बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं बीती रात को नयना देवी में 136.0, जोत 100.6, पच्छाद 77.0, कोठी 68.4, चंबा  66.0, बिलासपुर 60.4, रोहड़ू 60.0, मनाली 57.0, पालमपुर 52.6, कसौली 49.5, कंडाघाट और ददाहू 48.0, सराहन 44.5, सोलन 43.6, काहू 4 43.5 व मालरांव में 40.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

मानसून में अब तक 341 लोगों की माैत
प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 3,52,541.58 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 2 सितंबर तक 341 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 389 लोग घायल हुए हैं। 41 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 159 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 4,983 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 4,008 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,912 पालतु पशुओं की मौत हुई है।

कृष्णानगर वार्ड के लव-कुश चाैक पर भूस्खलन से चार मकानों को खतरा
शिमला के कृष्णानगर वार्ड के लव-कुश चौक के पास देर रात भूस्खलन होने से तीन से चार मकानों को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय पार्षद विनोद भाटिया के अनुसार मौके पर दो मकानों को खाली करवा दिया गया है। पहाड़ी के ऊपरी की तरफ बने मकानों को खतरा है। गौरतलब है कि इस वार्ड में दो साल पहले भी भारी भूस्खलन हुआ था, जिसमें आठ मकान जमींदोज हो गए थे। वहीं 10 से ज्यादा मकान अनसेफ घोषित कर दिए गए थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक