रेड क्रॉस की मुहिम बिना पढ़ाई, कपड़े-बर्तन, जूते के ना रहे कोई, 2 से 8 अक्तूबर को होगा दान उत्सव मेले का आयोजन

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कोई बिना कपड़े के ना रहे, नंगे पांव ना घूमे, बिना बर्तन के खाना ना बना सके, पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई कमी ना आए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रेड क्रॉस सोलन ने गरीबों की मदद करने का नायाब तरीका ढूंढा है। पहली बार सोलन की कुछ सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर रेड क्रॉस सोलन दान उत्सव का आयोजन कर रहा है। जिसमें लोगों से जूते, बर्तन, किताबे, समय व् आर्थिक सहायता देने की अपील की गई है। पुराने जिलाधीश कार्यालय में 7 दिवसीय मेले का आयोजन 2 से 8 अक्तूबर को होगा जिसमे 5 अक्तूबर तक सामान एकत्रित किया जाएगा और 7-8 अक्तूबर को उसी स्थान पर जरूरतमंदों को वितरित किया जाएगा।  

रेड क्रॉस संस्था के पैट्रन अरुण त्रेहन ने बताया कि गूंज, समर्पणं, हिम फ्रेंड्स, शूलिनी युनिवर्सिटी, केयर एंड शेयर, जस्ट अर्थ, रोटरी क्लब, रोटरी क्लब सिटी, रोटरी क्लब मिडटाऊन, लायंस क्लब, लायंस क्लब सोलन वैली, लायंस क्लब गोल्ड, इन्नरव्हील क्लब, इन्नरव्हील मिडटाऊन, इन्नरव्हील सोलन सिटी सामाजिक संस्थाएं मिलकर इसमे अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। उन्होने और भी सामाजिक संस्थाओं व यहां के लोगों से अपील की इस कार्य में आगे आए व रेड क्रॉस की इस पहल को मजबूत करें।

उन्होने कहा कि ये उस्तव आपको किसी व्यक्ति या संगठन को धन, सामग्री या कौशल में योगदान करने का मौका देता है। दान को उदारता का प्रतीक माना गया है। ये दान उत्सव मां शूलिनी के शहर होने वाला इस तरह का पहला उत्सव है जो सब की सहभागिता के बिना पूरा नही हो सकता।

त्रेहन ने कहा कि दान उत्सव दूसरों के लिए कुछ करने की क्षमता के लिए मनाया जाता है। यह बताता है कि किसी के चेहरे पर मुस्कान बिखेरना से हमें बहुत बड़ी खुशी मिलती है। मुश्किल वक्त में किसी की मदद करना खुशी देता है, भले ही वो किसी खास मौके पर ही क्यों ना हो। यह एक ऐसा कोई संगठन नहीं है जो किसी के द्वारा किसी खास के लिए चलाया जा रहा हो, ये तो उत्सव है, दान का उस्तव। 

उन्होने कहा कि कोई भी दान करना चाहता है तो वो 2 से 5 अक्तूबर को पुराने डीसी ऑफिस के प्रांगण मे सुबह 10 बजे से 5 बजे तक संपर्क कर सकता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक