मिशन रिपीट की तैयारी में जुटी BJP, टक्कर देने को कांग्रेस कर रही संघर्ष, AAP की निकली हवा

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31 मई को केंद्र सरकार अपने कार्यकाल के 8 साल पूरा करने जा रही है. जिसके जश्न के लिए पीएम मोदी ने शिमला को चुना है. यह कोई संयोग नहीं है बल्कि हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जनता को रिझाने के लिए जानबूझकर रैली के लिए शिमला को चुना गया है. शिमला के बाद कांगड़ा और चंबा में भी प्रधानमंत्री आने वाले हैं । भाजपा ने साफ कर दिया है कि मिशन रिपीट के लिए वह बिल्कुल तैयार है। 

उधर, भाजपा के मुकाबले प्रचार प्रसार में कांग्रेस पार्टी पिछड़ी हुई नजर आ रही है. भले ही कांग्रेस पार्टी 5 साल के बदलाव से उत्साहित है और इस बार बदलाव की बयार को देखते हुए अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है. लेकिन कांग्रेस पार्टी को यह नहीं भूलना चाहिए की भाजपा धनबल और संगठन के लिहाज से कांग्रेस पार्टी से कहीं आगे है. कांग्रेस पार्टी का संगठन भाजपा के मुकाबले उतना मजबूत नहीं है. इसलिए सरकार बनाने के लिए जीत के सपने को साकार करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।

हां बीच में आम आदमी पार्टी की बयार भी चली लेकिन तूफान बनने से पहले यह हवा थम गई और हालात ऐसे हैं कि आम आदमी पार्टी जो पंजाब जीत के बाद हिमाचल में सरकार बनाने का दावा पेश कर रही थी अब उसकी हवा निकल गई है. AAP के पास न तो संगठन है न ही नेता, बिना दुल्हे के बारात के AAP हिमाचल में संघर्ष करती नज़र आ रही है. वैसे भी आम आदमी पार्टी जितने वोट ले जाएगी उसका नुकसान सीधा-सीधा कांग्रेस पार्टी को होगा. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कहना की कांग्रेस पार्टी अगले 50 साल तक सत्ता के सपने ना देखें कहीं ना कहीं भाजपा के अति आत्मविश्वास को उजागर कर रहा है. भाजपा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पहले ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषीत कर चुकी है।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने अपने बड़े दिग्गज चुनाव प्रचार में उतार दिए हैं. बैठकों से लेकर रैलियों का दौर जोरों पर है। क्यास यह भी लगाए जा रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव समय से पहले अगस्त या सितंबर माह में हो सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी को संभलने तक का मौका नहीं मिलेगा।  वैसे भी भाजपा जिस रफ्तार से हिमाचल प्रदेश में कार्यक्रम कर रही है उससे यही प्रतीत हो रहा है कि चुनाव समय से पहले करवाए जा सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इससे इंकार कर चुके हैं. लेकिन प्रधानमंत्री की रैलियां केंद्रीय मंत्रियों का हिमाचल में दौरे करना राष्ट्रीय अध्यक्ष का बार-बार हिमाचल प्रदेश आना यह बड़े संकेत दे रहा है। 

उधर, प्रतिभा सिंह ने जब से हिमाचल कांग्रेस की कमान संभाली है वह भी कांग्रेस पार्टी को संगठित करने के लिए जुट गईं हैं। लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं, लेकिन अभी तक आम जन तक पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी पिछड़ी हुई नजर आ रही है. कांग्रेस पार्टी को भाजपा के साथ मुकाबले में आने के लिए दिन रात मेहनत करने की जरूरत है. कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री का चेहरा भी नहीं है।  हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला कह चुके हैं की कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय किया जायेगा. ऐसे में देखना यही होगा कि विधानसभा चुनावों में कौन सा दल किसको कितनी तक दे पाता है। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक