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मंडी आपदा प्रभावितों के लिए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भेजी तीन पिकअप राहत सामग्री

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन से हाल ही में मंडी जिला के कुछ क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर आवश्यक राहत सामग्री से भरे तीन ट्रकों को रवाना किया। यह राहत सामग्री राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से मंडी जिला प्रशासन को भेजी जा रही है ताकि आपदा से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके।

आपदा से प्रभावित परिवारों को इस राहत सामग्री में 540 कंबल, 500 तिरपाल शीट, 20 बक्से कपड़े, रसोई सेट, बाल्टियां और अन्य आवश्यक घरेलू सामान शामिल हैं। राज्यपाल ने थुनाग और आसपास के क्षेत्रों में हुई गंभीर क्षति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन क्षतिग्रस्त सड़कों, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। उन्होंने जिला प्रशासन, सशस्त्र बलों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों द्वारा राहत और बचाव कार्यों में किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना की।

राज्यपाल ने लोगों से आग्रह किया कि वह प्रशासन के साथ सहयोग करें और राहत कार्य स्थलों पर किसी प्रकार का अवरोध पैदा न करें। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को इलाके की बेहतर जानकारी है और जरूरतमंदों तक मदद जल्दी और कुशलता से पहुंचाने में उनका सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह उचित समय पर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मिलेंगे और स्थिति का आकलन करेंगे।

राज्यपाल शुक्ल ने आश्वासन दिया कि रेडक्रॉस के माध्यम से राहत कार्य जारी रहेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो अन्य माध्यमों से भी सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से भी आगे आकर प्रभावित परिवारों की मदद करने का आह्वान किया। उन्होंने बारिश के मौसम के दौरान लोगों से सतर्क रहने और पर्यटकों से नदी-नालों के करीब न जाने की अपील की।

राज्यपाल ने इस अवसर पर वनों की अंधाधुंध कटाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मंडी और कुल्लू में जिस प्रकार भारी मात्रा में लकड़ियां बहकर आई हैं, यह इस बात का प्रमाण है कि बड़े स्तर पर वनों की कटाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि वन कटाई करने वालों में थोड़ी भी मानवता बची है, तो हिमालय को बर्बाद करना बंद करें और हिमाचल के जंगलों को बचाने के लिए आगे आएं, क्योंकि हिमाचल की पहचान उसके हरे-भरे जंगलों से है।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा भी उपस्थित थे।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक