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फोरेंसिक साइंस लैब: चिट्टा में दवाएं मिलाकर युवाओं को डबल डोज दे रहे नशा तस्कर…….

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नशा तस्कर चिट्टा (हेरोइन) में दर्द निवारक दवाओं का मिश्रण कर युवाओं को मौत दे रहा है। मुनाफे के चक्कर में चिट्टा में पैरासिटामोल सहित अन्य दवाइयों का मिश्रण कर उसकी मात्रा को बढ़ाया जा रहा है। इससे मुनाफे के साथ पकड़े जाने पर रिपोर्ट में नशे की मात्रा भी कम आंकी जाती है। इसके बाद नशे की शुद्ध खेप मिलने पर इसका सेवन युवाओं की मौत का कारण बन रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय फोरेंसिक साइंस लैब नॉर्थ जोन धर्मशाला के पास 15 से 20 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें चिट्टे की जांच के दौरान इसमें दर्द निवारक दवाइयों का मिश्रण मिला है। जांच के दौरान खुलासा हुआ है कई बार नशीले पदार्थ में इस मिश्रण की मात्रा जहां कम है, वहीं कई बार इसकी मात्रा अधिक रही है।

   

फोरेंसिक विशेषज्ञों की मानें तो जब कोई व्यक्ति नशे का सेवन करता है तो वह दर्द भूलकर राहत महसूस करता है। दूसरी ओर, राहत पहुंचाने का कार्य दर्द निवारक दवाइयां भी करती हैं, जिन्हें नशीले पदार्थ में मिलाने के बाद वह भी नशे जैसा ही अनुभव नशा करने वाले युवाओं को मुहैया करवाती हैं। 
   
कैसे हो रही मौत
दर्द निवारक दवाइयां युक्त नशीले पदार्थ की मात्रा युवा तय करते हैं कि उन्हें किस मात्रा तक अच्छा महसूस हो रहा है। वह अकसर इसी मात्रा का प्रयोग कर उसका सेवन कर रहे हैं। जिस दिन नशा करने वाले युवाओं के हाथ शुद्ध नशा लग रहा है, उस दौरान इससे अनजान व्यक्ति उसी मात्रा में नशीले पदार्थ का सेवन कर रहा है। शुद्ध नशा होने के कारण व्यक्ति की ओवरडोज से मौत हो रही है। 

डल्हौजी-गगल में हुई थी ओवरडोज से मौत
फोरेंसिक विशेषज्ञों की मानें तो जिला चंबा के डलहौजी और जिला कांगड़ा के गगल पुलिस थाना के तहत उनके पास मामले आए थे। इनमें युवाओं की मौत नशे की ओवरडोज से हुई थी। इस दौरान नशीले पदार्थ के साथ दर्द निवारक दवाइयों का मिश्रण भी मिला था। यह युवाओं की मौत का कारण बना था। क्षेत्रीय फोरेंसिक साइंस लैब नॉर्थ जोन धर्मशाला में जांच के दौरान कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें नशीले पदार्थ चिट्टा सहित अन्य में दर्द निवारक दवाइयों का मिश्रण मिला है

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक