फर्ज़ी प्रमाण पत्र बना बैंक से लिया 10 लाख का प्रॉपर्टी लोन, पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध
जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा भराड़ीघाट के प्रबंधक गोरख राम ने एक धोखाधड़ी के मामले में पुलिस थाना दाड़लाघाट में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में आरोप है कि वर्ष 2020 में गीता देवी पत्नी देव राज और देवराज पुत्र जगरनाथ ने बैंक से 10 लाख रुपये का प्रॉपर्टी लोन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया।
बैंक रिकॉर्ड के अनुसार, 25 फरवरी 2020 को उस समय के पटवारी अनिल कुमार द्वारा यह प्रमाण पत्र जारी किया गया था कि ऋणी ने मौजा चमाकड़ी, खसरा नंबर 216 पर मकान तामिर किया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर बैंक ने लोन स्वीकृत किया।
हालांकि, ऋणधारक समय पर किस्तें नहीं चुका सके और बैंक डिफॉल्टर हो गए। बैंक की ओर से बार-बार वसूली नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई भुगतान नहीं किया गया। बाद में, बैंक द्वारा 5 जुलाई 2024 को नायब तहसीलदार को भूमि सत्यापन के लिए पत्र लिखा गया, जिसके जवाब में 2 अगस्त 2024 को वर्तमान पटवारी ने रिपोर्ट दी कि उक्त खसरा नंबर पर कोई भी मकान तामिर नहीं है।
इस खुलासे के बाद, यह स्पष्ट हुआ कि लोन फर्जी रिपोर्ट और धोखाधड़ी के माध्यम से लिया गया था, जिसमें उस समय के पटवारी की भूमिका संदिग्ध है। शिकायतकर्ता के अनुसार, ऋणधारकों और तत्कालीन पटवारी ने मिलकर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से षड्यंत्र रचा।
पुलिस थाना दाड़लाघाट में भारतीय न्याय संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (साजिश) के तहत मामला दर्ज कर आगामी जांच आरंभ कर दी गई है। बैंक ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।