Third Eye Today News

प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज के नाम पर लगने वाला हाटी बिशु मेला संपन

Spread the love


प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज के नाम पर लगने वाला हाटी बिशु मेला शाया आज संपन हो गया शिरगुल महाराज की जन्मस्थली पर लगने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण महाभारत कालीन तीर कमान का खेल ठोडा रहा
यहां काबिले जिक्र है कि इन दिनों यहां पूरे क्षेत्र में बिशू मेलो का सीजन अपने योवन पर है पदम श्री एवं प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लेखक विद्या नंद सरैक के अनुसार यहां पहाड़ी क्षेत्रो इन दिनों बिशू मेले का सीजन चला हुआ है । और यह बिशू मेले यहां कुल देवता ,ग्राम देवता के नाम पर लगते हैं । और इन मेलो का आयोजन कुछ स्थानों पर हर साल व कुछ स्थानो पर तीसरे साल होता है । और इन मेलो में ठौड़ा खेल का आयोजन अनिवार्य होता है । ऐसा ना करने पर देव दोष लगता है ऐसा माना जाता है ।

इस लिए हर मेले में ठौड़ा खेल का आयोजन होता है । जिन दो दलों के बीच यह खेल खेला जाता है उन्हें एक दल को शाठड़ व एक को पाशड़ कहा जाता है । शाठड़ दल के लोग अपने आपको कौरवों का वंशज व पाशड़ दल के लोग अपने आप को पांडवों का वंशज मानते हैं । और ठोड़ा खेल कभी भी पाशड़ पाशड़ व शाठड़ शाठड़ आपस में नहीं खेलते शाठड़ दल पाशड़ के साथ व पाशड़ दल शाठड़ के साथ ही ठोड़ा खेल खेलते हैं और इसके लिए विशेष तरह के परिधान होते हैं । इसके साथ साथ ठोड़ा दलों के रात्रि ठहराव की व्यवस्था को स्थानीय भाषा में ठीला कहा जाता है । इस व्यवस्था में एक दल जितने लोगों आते हैं उन्हें एक गांव के घरों में बांट दिया जाता है ।

और मेले में घर का मुखिया उपस्थित रहता है और वे उन्हें अपने घर ले जाता है। यानि अगर एक ठौड़ा दल में 70 लोग आये है और उस गांव में 12 घर है तो प्रत्येक घर में लगभग 6 व्यक्ति जाएंगे । कुछ स्थानों पर इनका भोजन का प्रबंध सामुहिक यानि एक स्थान पर होता है और कुछ स्थानों पर अलग अलग घरों में ही भोजन बनाया जाता है । उसके बाद रात्रि को सिरमौरी नाटी यानि महफ़िल सजती है । जिसमें सभी मिल जुल नृत्य करते हैं । यहां शाया की पंरपरा है कि यहां मेला तीसरे साल लगता है । एक साल शिरगुल महाराज अपनी तपोस्थली चूड़धार स्नान के लिए जाते हैं और एक साल यह बिशु मेला लगता है । आज यहां इस मेले का शुभारंभ शिरगुल महाराज की पारंपरिक पूजा मेला मैदान का भुमि पूजन देव नगाड़ा मंदिर प्रांगण से जुबड़ी यानि मेला तक उसके बाद ठोडा दलों का मेला मैदान में स्वागत हुआ इस तीन दिवसीय मेले में इस बार ठोडा खेल का प्रर्दशन शाठी ठोडा दल छमराल सिरमौर व पाशी ठोडा दल कैंथला शिमला द्वारा किया गया ।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक