पैदल नाहन से चूड़धार चल दिया भोले का भक्त विक्रम

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San Juan National Forest in Colorado | U.S. Geological Survey

हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर के समीपवर्ती गांव जलापड़ी के एक 25 वर्षीय युवक विक्रम सिंह ने अनोखी जिद की है। खास बात ये हैं कि ये  जिद भी तब पकड़ी है जब तापमान 40 डिग्री को छू रहा है। दरअसल, विक्रम सिंह ने नाहन से चूड़धार यात्रा पैदल करने निकला है।  932 मीटर की ऊंचाई से 11800 फुट की उनके पर पहुंचने का लक्ष्य हैं। बड़ी बात यह है कि  वापिस भी पैदल ही नाहन पहुंचना हैं। अप व डाउन की दुरी लगभग 215  किलोमीटर तक होने की उम्मीद हैं।  शुक्रवार सुबह 3:30 बजे बस स्टैंड से विक्रम सिंह लक्ष्य भेदने निकल पड़ा हैं। वो इस बात को जानता है कि कठिन कार्य को मुमकिन किया जा सकता है, बशर्ते हौसला बुलंद हो। साथ ही भोले शंकर के आशीर्वाद से इस कार्य को करने में सफल हो जाएगा। 

     विक्रम के लिए पैदल यात्रा का पहला पड़ाव बेहद ही मुश्किल हो सकता है। कारण यह है कि ददाहू के आसपास तापमान काफी अधिक होगा। पहले जलाल फिर गिरी नदी को पार करना है।
 विक्रम सिंह ने कहा कि पहला पड़ाव संगड़ाह का है, वह 10 जून की शाम तक अपना पहला पड़ाव पूरा करना चाहते हैं। इसके बाद अगले दिन 11 जून को संगड़ाह से नौहराधार के लिए वाया लानापालर रवाना होंगे।

 विक्रमजीत सिंह ने कहा कि नौहराधार में रात्रि ठहराव करने के बाद वह चूड़धार चोटी के लिए रवाना होंगे। तीसरे दिन ही वह वापस नौहराधार होते हुए पैदल ही नाहन वापसी का सफर शुरू कर देंगे। गौरतलब है कि लगभग 125 किलोमीटर का सफर सड़क का है। इसके बाद नौहराधार से लगभग 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है।
 आपको यह भी बता दें कि चूड़धार चोटी पर बेस कैंप से चढ़ने के कई रास्ते हैं। इसमें सबसे लंबा रूट नौहराधार से ही है। शिमला के चौपाल उपमंडल की तरफ से काफी दूर तक सड़क का निर्माण होने से श्रद्धालुओं को चोटी तक पहुंचने में काफी आसानी होती है।
 पैदल यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर विक्रम सिंह ने कहा कि हर कोई यही सोचता है कि चोटी तक सड़क बन जाए। लेकिन यह भी सोचना जरूरी है कि अगर पवित्र स्थान तक सड़कों का निर्माण हो जाएगा तो वहां का वातावरण दूषित होगा। उन्होंने कहा कि वह शिव के भक्त हैं। लंबे अरसे से नाहन से चूड़धार पैदल यात्रा करने के बारे में सोचा करते थे। अब वक्त आया है तो वह अपने इस सपने को साकार करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई उनका साथ देना चाहता है तो दल में अपने रिस्क पर शामिल हो सकता है। उल्लेखनीय है कि उनके अन्य दोस्त भी इस यात्रा को संगड़ाह में ज्वाइन करेंगे। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक