पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत को रिकॉर्ड 21वां मेडल, सचिन खिलारी ने जीता सिल्वर

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पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन जारी है. खेलों के 7वें दिन भारत को इस बार का 21वां मेडल भी मिल गया है. भारत के सचिन खिलारी ने पुरुष शॉटपुट F46 कैटेगरी में देश को मेडल जिताया है. उन्होंने एशियन रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. सचिन सरजेराव खिलारी ने 16.32 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ बाजी मारी. उनके पास गोल्ड मेडल जीतने का भी मौका था, लेकिन वह बस 0.06 मीटर से चूक गए.

सचिन खिलारी का बड़ा कारनामा

पुरुष शॉटपुट F46 कैटेगरी के फाइनल में सचिन का पहला प्रयास 14.72 मीटर, दूसरा प्रयास 16.32 मीटर, तीसरा प्रयास 16.15 मीटर, चौथा प्रयास 16.31 मीटर, पांचवां प्रयास 16.03 मीटर और छठा प्रयास 15.95 मीटर का रहा. दूसरा प्रयास 16.32 मीटर नया एशियन रिकॉर्ड है. हालांकि इससे पहले भी ये रिकॉर्ड सचिन के नाम ही था. उन्होंने मई 2024 में जापान में हुई वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और एशियन रिकॉर्ड बनाया था. वहीं, कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के साथ गोल्ड मेडल जीता. यानी सचिन सिर्फ 0.06 मीटर पीछे रह गए. वहीं, इसी इवेंट में भारत के मोहम्मद यासेर आठवें और रोहित कुमार नौवें स्थान पर रहे.

34 साल के सचिन खिलारी महाराष्ट्र के सांगली जिले से ताल्लुक रखते हैं. वह 30 सालों में पैरालंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शॉट पुटर बने हैं. बता दें, F46 कैटेगिरी उन एथलीटों के लिए है जिनके हाथ में कमजोरी, कमजोर मसल्स या हाथों के मूवमेंट में कमी होती है. इसमें एथलीट खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं. सचिन की बात की जाए तो नौ साल की उम्र में वह एक साइकिल दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिसके कारण उनके बाएं हाथ में फ्रैक्चर हो गया था.

भारत का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन

पैरालिंपिक के इतिहास में ये पहला मौका है जब भारत ने एक साथ इतने मेडल जीते हैं. इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत ने 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 19 मेडल्स जीते थे. इस बार अभी तक भारत की झोली में 3 गोल्ड, 7 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल आ चुके हैं. अभी इसके और इजाफा हो सकता है.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक