नारी शक्ति वंदन विधेयक, पीएम मोदी का देश को 70 करोड़ बहनों तो तोफा : बिंदल

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शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा जी नए संसद भवन ने नया इतिहास रच दिया है। लोकसभा ने बुधवार को वंचित वर्ग के कोटे के सवाल को पीछे छोड़ते हुए 27 साल से लंबित महिला आरक्षण से जुड़े 128वें संविधान संशोधन विधेयक पर सर्वानुमति से मुहर लगा दी। इस विधेयक की राह में अब तक बाधा बने सपा, राजद, जदयू जैसे दलों के साथ कांग्रेस भी शामिल थी।
इससे जुड़े तीनों विधेयकों के विरोध में महज दो मत, जबकि समर्थन में 454 वोट पड़े। संसद में किसी विधेयक पर बरसों बाद ऐसी सर्वानुमति बन पाई है।

उन्होंने कहा की लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं व दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर आठ घंटे चली जोरदार बहस के बाद शाम सात बजे के बाद पर्ची से मतदान हुआ और यह विधेयक पास हुआ।

बिंदल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण भाजपा के लिए आस्था व निष्ठा से जुड़ा संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 70 करोड़ बहनों के लिए एक नायाब तोफा दिया है, इस 33% आरक्षण के लिए सभी महिलाओं को शुभकामनाएं एवं बधाई। इस विधेयक के पारित होने से भारत में 75 साल बाद नया इतिहास रचा गया है।

कांग्रेस पार्टी और अन्य दालों में एक दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी थी जिसके कारण यह विधेयक पूर्व में पास नहीं हो पाया। कांग्रेस ने हमेशा इसको पेश जरूर किया पर उसके बाद पीछे हट गई, देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी जी ने इस विधेयक को एक बार पेश किया था पर कांग्रेस पार्टी ने इसको पास नहीं होने दिया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद ने भी 2021 में 11 महिलाओं को कैबिनेट रैंक व राज्य मंत्री के मंत्री बनाकर इतिहास रचा था। महिला आरक्षण विधेयक भारत की संसद द्वारा पारित होना देश के विधायी निकायों में महिलाओं को वास्तविक प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक