नवरात्र पर्व : हिमाचल के शक्तिपीठों व मंदिरों में 8.93 लाख श्रद्धालुओं ने नवाया शीश

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हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों व ऐतिहासिक मंदिरों में नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। प्रत्येक नवरात्रि पर शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। राज्य पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह तक प्रदेश के शक्तिपीठों एवं मंदिरों चिंतपूर्णी, ज्वालामुखी, नैना देवी, ज्वालाजी, ब्रजेश्वरी, बगलामुखी, चामुंडा, माता बाला सुंदरी, तारादेवी, हाटकोटी और कालीबाड़ी में 1 लाख 87 हज़ार 958 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। वहीं नवरात्र पर्व के दौरान अब तक इन शक्तिपीठों व मंदिरों में 8 लाख 93 हज़ार 895 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। इस दौरान नैना देवी में सबसे अधिक 2 लाख 65हजार 550 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं, जबकि माता बाला सुंदरी मंदिर में 2 लाख 15 हजार और चिंतपूर्णी माता मंदिर में 1 लाख 14 हजार 019 और ज्वालामुखी में 76 हजार 300 लोगों ने दर्शन किए हैं।इस बीच दुर्गा अष्टमी के दिन रविवार को इन शक्तिपीठों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। शक्तिपीठों व प्रमुख मंदिरों में तड़के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का उमड़ना शुरू हो गया। विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में अष्टमी पूजन के लिए हजारों श्रद्धालु शीश नवा रहे हैं। ज्वाला माता को आज विशेष हलवे, पूरी व चने का भोग लगाया जा रहा है।

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु घण्टों कतारों में खड़े होकर मां ज्वाला के दर्शन कर रहे हैं। इसी तरह विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में  श्रद्धालुओं ने जहां पर माता के दरबार में अष्टमी पूजन किया वहीं प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डालीं। अष्टमी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे।

सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता चिंतपूर्णी में भी शारदीय नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा है। महा अष्टमी के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माता की पावन पिंडी के दर्शन कर रहे हैं।

राजधानी शिमला के मंदिरों में भी दुर्गा अष्टमी की धूम है। ऐतिहासिक काली बाड़ी और तारा देवी मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के चरणों में शीश नवाया। राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि नवरात्र पर्व के दौरान शक्तिपीठों व मंदिरों के परिसरों में आयोजित मेलों के दौरान किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक