दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार : जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 मरीजों की मौत

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दिल्ली के रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों को देर रात मौत हो गई है । अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट की गई है, जिसको कल से फिर रीफिल होना था लेकिन देर रात रीफिल नही हुई, इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई,दिल्ली के रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों को देर रात मौत हो गई है।  अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर का कहना है कि सरकार की तरफ से अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट की गई है, जिसको कल से फिर रीफिल होना था लेकिन देर रात रीफिल नही हुई।

शुक्रवार की रात महज 1500 लीटर रीफिलिंग की गई थी, इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई और 20 कोविड मरीजों की मौत हो गई।  अस्पताल ने बताया है कि वहां अभी 215 कोविड मरीज और भर्ती हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है । जानकारी है कि मरने वाली सभी मरीजों की हालत काफी गंभीर थी । यहां ऑक्सीज़न का लो प्रेशर था ।  उसपर से जो ऑक्सीज़न 5:30 बजे पहुंचनी थी वो 12 बजे पहुंची।

बता दें कि शनिवार सुबह से दिल्ली के कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर इमरजेंसी संदेश जारी किया है।  रोहिणी के ही एक अन्य अस्पताल सरोज हॉस्पिटल ने भी ऑक्सीजन की कमी के चलते हाथ खड़े कर दिए हैं।  अस्पताल की ओर मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है और यहां नए मरीजों की भर्ती नहीं हो रही।

अस्पताल की ओर से एक नोटिस जारी कर कहा गया कि अब बहुत कोशिशों के बाद भी उनको ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल पा रही, जिसके चलते अब वो नए मरीजों की भर्ती नहीं ले रहा और सभी मरीजों को डिस्चार्ज कर रहा है ।  अस्पताल ने कहा है कि ‘यह दिल तोड़ने वाली स्थिति है और अब इस तथ्य को हम खुद तक सीमित नहीं रख सकते कि हमारे सिस्टम ने हमें निराश कर दिया है, हम असहाय हैं।

सरोज अस्पताल की ओर से बताया गया है कि पिछली रात उन्हें राजीव गांधी अस्पताल से ऑक्सीजन का टैंकर मिला था, लेकिन वो भी अब खत्म हो गया है।  ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी INOX ने कल रात ऑक्सीजन लाने की बात कही थी, लेकिन आज कह रहे हैं कि उनके पास अब ऑक्सीजन नहीं बची है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक