दाड़लाघाट में सीताराम ठाकुर ने सेब के पौधे किए कामयाब, पेश की मिसाल

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दाड़लाघाट:-(राजेश गुप्ता)प्रकृति ने मनुष्य जीवन के हित के लिए बहुत सी प्राकृतिक संपदाएं संजोई हुई है जिन से मनुष्य अपने जीवन में सुख भोग सके और अपने जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान कर सके। फलदार पौधे,सब्जियां,जड़ी बूटियां,खनिज इत्यादि बहुत सी ऐसी प्राकृतिक संपदाएं हैं,जो मनुष्य के सामने सुलभ है लेकिन आवश्यकता है तो केवल कर्म करने की,कर्म करने पर मनुष्य अनहोनी को भी होनी में परिवर्तित कर सकता है,ऐसा ही कर्म करने वाले दाड़लाघाट उपमंडल के अंतर्गत ग्राम पंचायत मांगल के गांव सहनाली (डगोयल) के एक मेहनतकश सीता राम ठाकुर ने सेब के पौधे को कामयाब कर दिखाकर एक मिसाल प्रस्तुत की है।कृषक सीता राम ठाकुर ने सप्र,टाइट मैन,रेड जून,गोल्डन,रॉयल प्रजाति के सेब को ट्रायल के रूप में अपनी जमीन में उगाया लेकिन उनकी प्रसन्नता का तब कोई ठिकाना न रहा जब सेब के पौधे ने फल देना प्रारंभ कर दिया।

सीता राम ठाकुर ट्रांसपोर्टर एवं समाजसेवक का कार्य करते हैं लेकिन सुबह शाम पशुपालन,सब्जियां तथा फलदार पौधे लगाना और उनकी सेवा करना उनकी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा या शौक बन गया है।इन्होंने सेब की पैदावार करने का निर्णय वर्ष 2009 में 10 पौधों से इनकी शुरुआत की।आज इन्होंने लगभग ढाई बीघे भूमि पर सेब के पौधे लगाकर मिसाल पेश की।सीता राम ठाकुर ने कहा कि अगर बागवानी विभाग के उच्च अधिकारी सेब के पौधों का निरीक्षण व जांच करे तो यहां के अन्य लोग भी सेब के फलदार पौधों को लगाने में प्रेरित होकर अपने लक्ष्य में निर्धारित होंगे।सीता राम ठाकुर का कहना है कि आजकल देश में कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाऊन का दौर चल रहा है व लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि इस हालत में अगर सभी युवा वर्ग कृषि की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करें तो वह भविष्य में अच्छी आजीविका कमा सकते है।उन्होंने कहा कि बस इसके लिए जरूरत है काम के प्रति लग्न व मेहनत की जिससे वह इसे हासिल कर सकते है।सीता राम ठाकुर का कहना है कि इस कामयाबी के बाद उनका लक्ष्य इस प्रजाति के सेब अधिक मात्रा में उगाना तथा उन्हें कामयाब करना उनका अगला लक्ष्य है,ताकि नाॅन ऐप्पल जोन वाले इस क्षेत्र में सेब की फसल में कामयाबी मिल सके और अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल सके।

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