डॉ. बिंदल का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष व नाहन के विधायक डॉ राजीव बिंदल(Dr. Rajeev Bindal) एक बार फिर मुश्किल में हैं। दरअसल नगर परिषद सोलन(Municipal Committee Solan) का 22 साल पुराना तथाकथित भर्ती घोटाला(Illegal Requirement) मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिला कोर्ट से मामला रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस संबंध में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई है और सरकार को नोटिस जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई करते हुए 35 लोगों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश सुनाया है। इस विशेष अनुमति याचिका का जवाब डॉ. राजीव बिंदल और नगर परिषद के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर सहित 35 लोगों को चार सप्ताह में देना है। इस मामले को मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने अपने हाथ में लिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने बीते साल बिंदल के खिलाफ इस केस को वापस ले लिया था और इसके बाद मामले को कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। बाद में नाहन के एक समाजसेवी अनिल कुमार की ओर से दायर याचिका पर SC ने मामले में सरकार से जवाब मांगा है।
क्या है मामला
वर्ष 1998 से 2000 के दौरान सोलन नगर परिषद में करीब 24 भर्तियां हुईं थी। डॉ. बिंदल उस समय नगर परिषद के अध्यक्ष थे। आरोप था कि उन्होंने नियम दरकिनार कर चहेतों को नौकरी पर रखा। भाजपा के बाद कांग्रेस जब सत्ता में आई तो इस मामले पर जांच बिठाई गई। कांग्रेस ने डॉ. बिंदल के खिलाफ विजिलेंस में केस दर्ज करवाया। शुरूआत में बिंदल समेत 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था। ये मामला सोलन की अदालत में चल रहा था। जनवरी 2019 में सरकार ने ये मामला वापस ले लिया था।


