ठंडीधार में छ: दशक पुराना वन निरीक्षण कुटीर जलकर राख, शरारती तत्वों पर संदेह
राजगढ़ उपमंडल के दूरदराज गांव ठंडीधार में वन विभाग द्वारा वर्ष 1965 में निर्मित एक पुराना निरीक्षण कुटीर बीती रात भीषण आग की भेंट चढ़ गया। यह कुटीर वन विभाग की एक अहम धरोहर थी, जिसका लंबे समय से अधिकारी व कर्मचारी उपयोग करते आ रहे थे।
उप वन अरण्यपाल राजगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आग किसी अज्ञात शरारती तत्व द्वारा रात्रि करीब साढ़े 12 बजे लगाई गई है। आगजनी की इस घटना में कुटीर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। गनीमत रही कि इस घटना में किसी प्रकार की जानी नुकसान नहीं हुआ है।
अधिकारियों के अनुसार, यह कुटीर न केवल वन विभाग के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इस क्षेत्र में आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के रात्रि विश्राम के लिए भी एकमात्र ठिकाना था। वर्तमान में इस कुटीर का उपयोग ठंडीधार बीट की वन रक्षक चौकी के रूप में किया जा रहा था। घटना के समय कुटीर में तैनात वन मित्र अंबिका ठाकुर मौजूद थीं, जिन्होंने आग लगते ही स्थिति की सूचना विभाग को दी। उन्होंने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरी झोपड़ी जलकर राख हो गई। सौभाग्य से वन मित्र अंबिका ठाकुर समय रहते बाहर निकलने में सफल रहीं।
बीट प्रभारी फूला राम घटना के समय पौधरोपण के लिए पौधे लाने हाब्बन नर्सरी गए हुए थे और बाद में रात्रि गश्त पर थे। यही कारण रहा कि वह घटना के समय मौके पर मौजूद नहीं थे। आगजनी की इस घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी फटीफटेल पझौता में दर्ज करवा दी गई है। पुलिस व वन विभाग मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया मामला किसी शरारती तत्व की करतूत लग रहा है। अधिकारी इस घटना को विभाग की बड़ी क्षति मान रहे हैं।