चंबा में फंसे 4 हज़ार मणिमहेश यात्रियों को निकाला सुरक्षित, बसों-टैक्सियों से लौटाया जा रहा घर
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से बाधित मणिमहेश यात्रा के बीच प्रशासन की तेज कार्रवाई से लगभग चार हज़ार तीर्थयात्री सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। इन यात्रियों को चंबा और नूरपुर पहुंचाने के लिए बसों और टैक्सियों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात आठ बजे तक करीब 4,000 यात्री चंबा से 14 किलोमीटर दूर कलसुईं तक पहुंच चुके थे। यात्रियों को वहां से चंबा और नूरपुर लाने के लिए 39 बसें और 25 टैक्सियाँ तैनात की गईं। इसके अलावा डीसी कांगड़ा से 40 अतिरिक्त बसें भेजने का अनुरोध भी किया गया है। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और राहत के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। चंबा में एक हज़ार लोगों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है। साथ ही कलसुईं से राख तक की सड़क का मलबा हटाकर साफ़ कर दिया गया है, हालांकि वहां अभी बसों की आवाजाही संभव नहीं हो पाई है।
श्रद्धालुओं की मदद के लिए प्रशासन ने सात टीमें लगाई हैं, जिनमें आपदा मित्र, होमगार्ड, एनसीसी कैडेट, स्थानीय स्वयंसेवक, पुलिस कर्मी और अधिकारी शामिल हैं। वहीं यात्रियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कलसुईं, धरवाला और ढकोग में तीन निशुल्क लंगर भी लगाए गए हैं। हालांकि, इस बीच यात्रा में दुखद घटनाएं भी सामने आई हैं। प्रशासन ने पुष्टि की है कि यात्रा के दौरान अब तक 10 लोगों की मौत हुई है। इनमें पांच तीर्थयात्री शामिल हैं। मृतकों में अमन (18) और रोहित (18) निवासी पठानकोट (पंजाब) के शव उनके परिजनों को सौंपकर घर भेज दिए गए हैं।
अन्य मृतक तीर्थयात्रियों में अनमोल निवासी गुरदासपुर (पंजाब), दर्शना देवी निवासी चंबा (हिमाचल प्रदेश) और सागर भटनागर निवासी उत्तर प्रदेश शामिल हैं, जिनके शवों को मौसम की स्थिति देखते हुए कल भेजा जाएगा। इसके अलावा भारी बारिश में बह जाने से चंबा की कविता (33) और सुलोचना (36) तथा तीसा की रेखा देवी की भी मौत हो गई।