सैनिटाइजर घोटाले को लेकर तीन कर्मचारियों व अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। राज्य सरकार की नाक के नीचे सैनिटाइजर घोटाला चल रहा था, जिस पर मुख्यमंत्री के विशेष सचिव की नजर न पड़ने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि सारा खेल दो-तीन लोगों ने रचा, इनमें से एक की पहुंच मुख्यंत्री कार्यालय तक रही है। बताया जा रहा है कि एक महिला को अवकाश के दिन फाइल पर नोटिंग चढ़ाने के लिए बुलाया गया था। इसमें क्या-क्या लिखा जाए, इसके लिए भी एक कर्मचारी ने दबाव बनाया। तीन महिला अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस बारे में सरकार के सामने पक्ष रख दिया है।
कोरोना संकट के दौरान हुई इस घोटाले पर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (विनोद गुट) ने सवाल उठाए हैं। उन्होनें कहा जल्द ही महासंघ इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखेगा। सरकार से मांग की जाएगी कि विभागीय खरीद के लिए समान नियम बनाए जाएं। जहां भी अनियमितताएं बरती गई हों, दोषियों पर कार्रवाई की जाए। कहा जा रहा है कि राज्य सचिवालय ही नहीं विभागों में भी सैनिटाइजर की खरीद में पारदर्शिता नहीं बरती । विभागों ने एक ही आइटम को अलग-अलग तरीके से खरीदा। कई विभागों ने सैनिटाइजर की खरीद के लिए ज्यादा दाम चुकाए। अगर सभी के लिए एक साथ सैनिटाइजर खरीदे जाते तो ये सस्ते मिलते। इससे सरकारी कोष पर भी कम बोझ पड़ता।
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