कोटखाई में अवैध कब्जों पर बड़ी कार्रवाई: पहले दिन ही काटे गए 100 सेब के पेड़
हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कोटखाई उपमंडल के चैथला गांव में वर्षों से विवादित पड़ी 275 बीघा वन भूमि को कब्जा मुक्त करवाने की बहुप्रतीक्षित कार्रवाई शनिवार को शुरू हुई। पहले ही दिन वन विभाग ने करीब 100 सेब के पेड़ काटे, जबकि आगामी दिनों में 3800 से अधिक सेब पौधों को हटाने की योजना तैयार की गई है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू की गई इस कार्रवाई की कमान एसडीएम कोटखाई मोहन शर्मा ने संभाली। इस दौरान डीएफओ ठियोग मुनीश रामपाल, डीएसपी ठियोग सीधा शर्मा, रेंज ऑफिसर कोटखाई, वन विभाग के 15 कर्मचारी, 5 मशीनें, 5 मजदूर और 6 सदस्यीय रिजर्व फोर्स की टीम भी मौके पर तैनात रही। दोपहर 1:30 बजे से शुरू हुई इस मुहिम के दौरान बारिश जरूर बाधा बनी, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन अब तक तीन खसरा नंबर की जमीन को कब्जा मुक्त करवा चुका है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोटखाई विकास भवन में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और उनके लिए विशेष मैस की भी व्यवस्था की गई है। जिला दंडाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत 11 जुलाई से 18 जुलाई तक चैथला गांव में सभी तरह के लाइसेंसी और गैर-लाइसेंसी हथियार रखने व ले जाने पर पाबंदी लगाई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जिन लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं, उन्हें 12 जुलाई तक कोटखाई पुलिस स्टेशन में जमा कराना अनिवार्य किया गया है, जो 18 जुलाई तक जमा रहेंगे। हालांकि यह आदेश पुलिस, अर्धसैनिक बलों, सुरक्षा बलों, सरकारी व अर्द्ध-सरकारी कर्मियों और बैंकों के सुरक्षा गार्डों पर लागू नहीं होगा।
प्रशासन को आशंका है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान ग्रामीण विरोध कर सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। शिमला पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट में भी अतीत में ऐसे विरोध का हवाला दिया गया है। इसी को देखते हुए फोर्स की तैनाती और हथियारों पर रोक जैसे सख्त कदम उठाए गए हैं।
यह कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है, क्योंकि यह मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन था और वन भूमि को उसके मूल स्वरूप में बहाल करना प्रशासन की प्राथमिकता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी वन भूमि पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा या निर्माण कार्य कानून के खिलाफ माना जाएगा और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।