कॉलेजों में भवन निर्माण ही नहीं, प्रशासनिक कार्यों में भी गड़बड़ियां
भवन निर्माण मामले में विजिलेंस जांच से गुजर रहे ठियोग कॉलेज समेत प्रदेश के कई कॉलेजों में प्रशासनिक गड़बड़ियां भी हुई हैं। ये अनियमितताएं प्रदेश के धर्मशाला, चुवाड़ी आदि कई कॉलेजों में भी सामने आई हैं। कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विभागों ने इन मामलों के उजागर होने के बावजूद कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की। ये मामले पिछले कुछ वर्षों में लेखा परीक्षा विभाग की पड़ताल से उजागर हुए हैं।
ठियोग कॉलेज में न केवल भवन निर्माण बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी कई अनियमितताएं हुई हैं। हाल ही में सामने आई एक ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार 66 हजार रुपये की पुस्तकालय प्रतिभूति की नियमों के विरुद्ध वसूली की गई। वर्ष 2014 में पहले से ही दाखिल छात्रों से भी सालाना इस राशि के रूप में 100-100 रुपये की वसूली की गई, जबकि नियमानुसार इसे उसी साल दाखिल विद्यार्थियों से वसूल किया जाना था।

यह वसूली 654 पुराने विद्यार्थियों से की गई। छात्रों से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंजीकरण शुल्क के रूप में 20 हजार रुपये की अनधिकृत वसूली की गई। प्रवेश पाने वाले नए छात्रों से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंजीकरण शुल्क के रूप में अनधिकृत रूप से कंटीन्यूएशन शुल्क वसूला गया। नए प्रवेश पाने वाले 401 छात्रों से इसकी 10 रुपये प्रति छात्र की दर से वसूली की गई।
चुवाड़ी कॉलेज में 1,25,000 रुपये का अनुचित भुगतान
चुवाड़ी कॉलेज में मिश्रित निधि से बिजली, टेलीफोन आदि के बिलों का करीब 1,25,000 रुपये का अनुचित भुगतान किया गया। औपचारिकताओं को पूरा किए बगैर ही स्टॉक के लिए खरीदारी की गई। इसी बैंक में प्राप्त निधियों को देरी से बैंक में जमा किया गया। सलूणी कॉलेज में जूनियर एनएसएस निधि में अवैध वसूली की गई। छात्रों से दस-दस रुपये के हिसाब से चार हजार रुपये इकट्ठा किए गए।
धर्मशाला कॉलेज में भी अनियमितताएं
धर्मशाला कॉलेज में वार्षिक पारितोषिक समारोह के लिए 69 हजार रुपये की गैर कानूनी तरीके से अनियमित भुगतान किया गया। विभिन्न निधियों से 3.35 लाख रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। हालांकि, शिक्षा विभाग के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि ऑडिट में लगी आपत्तियां स्पष्ट करने को कहा गया है।