कांग्रेस पार्टी में उथल-पुथल : कश्यप

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शिमला, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह चरम पर है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से निराशा में है और ऐसा लगता है कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता अपनी ही पार्टी में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने हाल ही में कहा था कि तीन महीने पहले अपनी इकाइयों को भंग करने के कारण प्रदेश में कांग्रेस पंगु हो गई है, तथा नए ढांचे के बारे में पार्टी हाईकमान से कोई संवाद नहीं हुआ है। मंत्री ने यह भी कहा कि मजबूत पार्टी और सरकार के लिए मजबूत संगठन जरूरी है, लेकिन मांग के बावजूद ब्लॉक, जिला और राज्य इकाइयों का पुनर्गठन नहीं किया गया है। कश्यप ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का संगठन और कांग्रेस सरकार दोनों ही पंगु हो गए हैं।
कांग्रेस के नेता खुद ही यह कहने लगे हैं कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव गंभीरता से नहीं लड़ा और उसका रवैया उदासीन रहा।

ऐसा लगता है कि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पूरी तरह से घबरा गई है, जहां पिछले तीन विधानसभा चुनावों से वह एक भी सीट नहीं जीत पाई है। दिल्ली चुनाव में हम कह सकते हैं कि कांग्रेस ने लगातार तीन विधानसभा चुनावों में शून्य सीट हासिल की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व संघर्ष यानी नेतृत्व की लड़ाई आम बात है। पिछले साल राज्य के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने घोषणा की और फिर अपना इस्तीफा वापस ले लिया, जिससे राज्य कांग्रेस इकाई में नेतृत्व की लड़ाई जनता के सामने आ गई। विक्रमादित्य पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। पार्टी द्वारा मिले-जुले संकेत भेजे जाने के बाद उन्होंने कुछ ही घंटों में अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक अपने मुख्यमंत्री के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं, वे मुखर नहीं हो सकते लेकिन वे अक्सर अपनी नाराजगी दिखाते हैं।

कांग्रेस नेताओं के तो अपनी ही सरकार में काम नहीं हो रहे है। राज्यसभा चुनाव इसका एक आदर्श उदाहरण है, जहां राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी भारतीय जनता पार्टी के हर्ष महाजन से चुनाव हार गए, जब छह कांग्रेस विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया, उसके बाद 3 निर्दलीय सहित सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक