एनसीसी वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का पांचवा दिन

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एनसीसी वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के पांचवे दिन की शुरुआत एक ऊर्जावान पीटी सत्र से हुई, जिसने पूरे दिन के लिए सकारात्मक और उत्साही माहौल स्थापित किया। पीटी सत्र के बाद, कैडेट्स को विभिन्न गतिविधियों के लिए समूहों में विभाजित किया गया।

कैडेट्स के एक समूह ने फायरिंग रेंज की ओर रुख किया, जहां उन्हें कैंप कमांडेंट कर्नल संजय शांडिल द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने फायरिंग प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी कैडेट्स सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकों को समझ सकें।

इसके साथ ही, दूसरे समूह ने ड्रिल क्लास में भाग लिया। ड्रिल प्रशिक्षकों ने उनके मार्चिंग और समन्वय कौशल को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया, अनुशासन और टीमवर्क के महत्व पर जोर दिया।

दोपहर में कई जानकारियों और व्यावहारिक सत्रों से भरी रही। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अधिकारियों ने आपदाओं के दौरान निकासी प्रक्रियाओं पर एक व्याख्यान और प्रदर्शन किया। कैडेट्स को आपात स्थिति में हताहतों को कुशलतापूर्वक निकालने का प्रशिक्षण दिया गया, जो एक महत्वपूर्ण कौशल है।

इसके बाद, डॉ. वैशाली शर्मा, एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक, ने तनाव प्रबंधन पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया। उन्होंने तनाव को पहचानने और प्रबंधित करने के बारे में मूल्यवान जानकारियाँ दीं, जो कैडेट्स को व्यावहारिक और उनके दैनिक जीवन में लागू करने योग्य लगीं।

शाम को कैडेट्स ने भारतीय क्रिकेट टीम के आगमन का उत्सव मनाया, जो 17 वर्षों बाद टी-20 वर्ल्ड कप में अपनी जीत के साथ आई थी। इस ऐतिहासिक क्षण को राष्ट्रीय मीडिया ने भी कैप्चर किया, जिसने कैडेट्स की जोशीली ऊर्जा को दस्तावेजीकृत किया।

उत्सव के दौरान एक डांस प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें कैडेट्स ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। शाम का समापन खेल कक्षा के साथ हुआ, जो शारीरिक गतिविधि और मजे का सही संतुलन प्रदान करता है, और एक विविध और समृद्ध अनुभवों से भरे दिन का समापन हुआ।

एनसीसी वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का पांचवा दिन शारीरिक प्रशिक्षण, कौशल विकास, व्यावहारिक प्रदर्शनों और उत्सवों का मिश्रण था, जो सभी कैडेट्स के लिए एक यादगार अनुभव बना।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक