एंबुलेंस वर्कर्स यूनियन ने कंपनी प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप, दी एंबुलेंस बंद करने की चेतावनी
शिमला: एंबुलेंस वर्कर्स यूनियन ने जीवीके कंपनी प्रबंधन पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं। आरोप में कहा गया है कि कर्मचारियों की अगुवाई करने वाले यूनियन के पदाधिकारियों की ट्रांसफर की जा रही है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि प्रबंधन द्वारा अगर इसी तरह कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाता रहा तो सभी एंबुलेंस 8 नवंबर से बंद कर दी जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेवारी कंपनी प्रबंधन की होगी। एंबुलेंस वर्कर्स यूनियन ने इस बारे में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सहित सरकार को पत्र लिखा है। यूनियन के अध्यक्ष पूर्णचंद ने कहा है कि कंपनी प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां उनको न्यायालय के आदेशानुसार 15000 रुपए वेतन नहीं दिया जा रहा है, वहीं कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगाकर उनको डरा धमका कर नौकरी से हटाया जा रहा है।
पूर्णचंद ने आरोप लगाया है कि 102 गाड़ी के कर्मचारियों से भी 12-18 घंटे काम लिया जा रहा है और वहीं लगातार रात्रि सेवा देने पर अगर कोई कर्मचारी बीमार होता है या कोविड डयूटी के दौरान अगर कोई क्वारेंटाइन होता है तो उनका वेतन काटा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कोविड-19 के मरीजों को लाने वाली एंबुलेंस को सेनेटाइज नहीं किया जा रहा और इन्हीं में सामान्य मरीजों को भी ले जाया जा रहा है। अगर कोई कर्मचारी अपनी परेशानी कंपनी प्रबंधन से साझा करता है तो उसके खिलाफ खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।