आखिर कब तक वरिष्ठ नेता करेंगे काम और चमचे करेंगे आराम

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कार्यकर्ताओं को आज भी वरिष्ठ नेताओं से सीख लेने की जरूरत है। आज भी किसी भी पार्टी के वरिष्ठ नेता हो वो अपनी पार्टी के झंडे और बैनर लगाते हुए देखे जा सकते है। जबकि युवा कार्यकर्ता खुद ये ना लगाकर दिहाड़ीदार से लगाते हुए जरूर देखे जा सकते है।
ऐसा ही नजारा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सोलन के दौरे के दौरान भी दिखा जब रात के समय महासचिव प्रदेश कांग्रेस सुरेंद्र सेठी, अध्यक्ष बघाट बैंक अरुण शर्मा सोलन के राजगढ़ रोड में बैनर और पार्टी के झंडे लगाते नजर आए। ना कोई झिझक ना चेहरे पर कोई शिकन, बस हंसते हुए अपने काम में डटे हुए। ऐसा नहीं कि इन लोगों को मुख्यमंत्री जानते नहीं जब बात हुई तो उनका कहना था सीएम आ रहे है और कांग्रेस के कार्यकर्ता होने के नाते उनका फर्ज बनता है की उनके स्वागत में कोई कोर कसर ना रहे।
जहां पार्टी में इतने पुराने चेहरे है वहीं युवाओं की भी कोई कमी नहीं है। लेकिन युवा अब नेतागिरी करते ज्यादा नजर आते है और काम करते कम।
लेकिन कुछ युवा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाते जरूर नजर आए। मनोनित पार्षद पुनीत नारंग हो या फिर ब्लॉक व्यापार मंडल के अध्यक्ष निशांत मकोल या फिर एनएसयूआई के तुषार स्तान। चंद नामों में ही सिमट कर रह गए ये लोग। लेकिन जितने भी काम उतनी ही बखूबी से।
इस पूरे प्रकरण में एक बात और थी और वो थी सुरेंद्र सेठी की। वो खुद तो काम में डटे ही थे उनके पुत्र अमन सेठी भी उनका हाथ बटा रहे थे। बाप बेटे की जुगलबंदी यहां भी देखते ही बन रही थी। अपने पिता की सीख का पालन करते अमन हमेशा ही नजर आ सकते है और कांग्रेस का कोई भी आयोजन हो उसके नेता नही बल्कि कार्यकर्ता की तरह काम करते नजर आ जाते है।
अब तो बस इतना ही कहेंगे कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी का हो अगर वो ईमानदारी से काम करेगा तो उसका राजनीतिक कैरियर कभी खत्म नहीं होगा जबकि हवा हवाई वाले नेता कब गुम हो जाए पता भी नही चलेगा।

हो सकता है अब खबर के बाद कई अपनी फोटो अब झंडा लगाते हुए नजर आ जाए क्योंकि फोटो सेशन के लिए बहुत बार दिहाड़ीदार को दूर कर ऐसा नजारा बहुत बार जरूर देखने को मिलता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक