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आईजीएमसी ओबेसिटी आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन

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शिमला, जनरल सर्जरी विभाग, आईजीएमसी शिमला और ओबेसिटी सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ओबेसिटी आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन अटल ऑडिटोरियम में किया गया।
इस द्वारा इस संस्थान के संरक्षक डॉ रणदीप वधावन, आयोजन अध्यक्ष डॉ विवेक बिंदल एवं आयोजन सचिव डॉ पुनीत महाजन द्वारा एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया गया, जिसमें डॉ रणदीप ने कहा कि अगर हम इंडिया का डाटा देखें तो 5 प्रतिशत जनसंख्या ओबेसिटी का शिकार है और हमारे देश की जनसंख्या 1.4 बिलियन है, तो 5 प्रतिशत के हिसाब से 7 करोड़ लोग मोटे है और इसी तरह डायबिटिक लोग देखें तो वह भी तकरीबन 7 करोड़ लोग हैं। यह जरूर है कि आप लोग भाग्यशाली है क्योंकि शिमला का वातावरण बहुत बढ़िया है, प्लस आप लोग चलते बहुत है, तो इतनी ओबेसिटी नहीं है पर पंजाब हो हरियाणा हो दिल्ली हो राजस्थान हो नीचे तमिलनाडु हो केरला हो गोवा तो इनमें ओबेसिटी बहुत ज्यादा है।

हिमाचल में लगभग 14% आबादी मोटापे की झपेट में है जिसकी लगभग संख्या 10.50 लाख होगी। इस सेमिनार में बताया गया कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ सर्जरी इस समाधान है पर मल्टीपल ऑप्शंस है जैसे लाइफस्टाइल मैनेजमेंट, डायबिटीज मेडिकल ट्रीटमेंट है, एक पिरामिड के हिसाब से ट्रीटमेंट और फिर सर्जिकल ऑप्शंस भी है और सर्जिकल ऑप्शंस में भी कई चीजें नई आ गई है जैसे एंडोस्कोपि और रोबोटिक तो हम आज सब कुछ डिस्कस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ओबेसिटी सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया 20 साल पहले बनी थी, ऑलमोस्ट 20 साल से यह ओबेसिटी सर्जरी ट्रीटमेंट के लिए सिंगल सोसाइटी है। पैन इंडिया हमारे पास रफ 600 मेंबर्स है।

डॉ विवेक बिंदल ने कहा कि एक अच्छी चीज यह है कि हिमाचल में अभी मुटापा कम है। परन्तु ये बड़ेगा जिस तरीके से खराब खाना हर जगा उपलब्ध है, जिस तरीके से गांव गांव के अंदर चिप्स और बिस्किट दो रु पांच रुपे के पैकेट के अंदर मिल रहा है और जो बच्चे जाकर सबसे सस्ती चीज ले रहे है, उसके अंदर ये पाया गया है कि गांव के बच्चों का नंबर 1 चॉइस चिप्स का पैकेट है, नंबर दो बिस्कुट है, और ये आगे जाकर बहुत घातक साबित होते है। तीसरी चीज जो हमारे समाज में खतरनाक है वो मोबाइल का स्क्रीन टाइम है। हर कोई मोबाइल फोन के उपर स्क्रीन में काम कर रहा है और उससे शारीरिक गतिविधियां कम हो गई है। हमारा खाना पीना खराब हो गया जिसके कारण आज ये प्रोग्राम यहाँ पर चल रहा है, जिसमें ओबेस्टी सोसाइटी अफ इंडिया और मेडिकल कॉलेज शिमला मिलकर ये बताना चाहते हैं कि हम अपने आपको और अपने बच्चों को एक अच्छे लाइस्टाइल के बारे में बताएं।

इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल सीता ठाकुर, एम एस राहुल रॉय भी उपस्थित रहें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक