WHO ने स्वीकारा हवा के जरिए फैल रहा कोरोना वायरस
पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने चेतावनी जारी करते हुये सावधानी बरतने को कहा है। डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के 200 से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत को स्वीकार किया है। वैज्ञानिकों के एक समूह ने डब्ल्यूएचओ से कोरोना वायरस को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा है। पहले WHO इस बात को मानने से इनकार कर रहा था लेकिन कुछ विशेष मामलों और इस बात के सुबूतों की पुष्टि करने के बाद अब उसने इस बारे में नया बयान जारी किया है।


फिलहाल, विश्व स्वास्थ संगठन के द्वारा अब इस मामले में बयान जारी किया गया है और कहा गया है कि कुछ विशेष मामलों को देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा के जरिए नहीं फैल सकता है। इसका मतलब, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अब इस बात को काफी हद तक स्वीकार कर लिया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा के जरिए भी फैल रहा है। हालांकि, जिन वैज्ञानिक और डॉक्टरों के द्वारा इस मामले में पहल की गई थी उन्हें एक अहम कामयाबी मिली है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिलेगी।


कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी लीड बेनेडेटा अल्लेग्रांज़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत मौजूद थे, लेकिन यह निश्चित नहीं था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से बहुत विशिष्ट परिस्थितियों में भीड़ भाड़ वाली जगह, बंद जगह, ऐसी जगह जहां हवा ठीक से ना आ रही हो। हालांकि उन्होंने कहा कि इसको लेकर सबूतों को इकट्ठा करने और इसकी व्याख्या करने की आवश्यकता है। हम इसका समर्थन करते हैं। डब्ल्यूएचओ में कोरोना संक्रमण के जोखिम के आंकलन में कोई भी बदलाव 1 मीटर (3.3 फीट) की शारीरिक दूरी बनाए रखने की मौजूदा सलाह को प्रभावित कर सकता है।



