गृहमंत्रालय ने कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के अंतिम सत्र की परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद यूजीसी ने सोमवार को आपात बैठक कर फैसला किया कि विवि एवं संस्थानों को सितंबर आखिर तक परीक्षाएं करनी होगी। यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है। यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
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गृह मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी के अनुसार अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं अनिवार्य हैं। पत्र में लिखा गया है कि फाइनल टर्म की परीक्षाएं बहुत जरूरी हैं, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूर एसओपी के तहत परीक्षाएं कराईं जाएंगी।
गृहमंत्रालय ने कहा कि कॉलेजों को कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों का पालन करना होगा, जिसमें दो गज की दूरी, मास्क एवं आरोग्य सेतु एप जैसे प्रावधान शामिल हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम सत्र की परीक्षा आयोजित की जाए। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।
यूजीसी की आपात बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि कोई विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षा आयोजित करना चाहे तो ऑनलाइन कर सकता है। क्योंकि 31 जुलाई तक लॉकडाउन है जो शिक्षण संस्थानों पर लागू होता है। अगस्त और सितंबर के हालात यदि ठीक रहे तो विवि अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से परीक्षाएं करा सकेंगे।
बता दें कि आखिरी सेमिस्टर के अलावा अन्य सेमिस्टर के नतीजे पिछले प्रदर्शन एवं आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे।
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