शिमला में भूख हड़ताल पर बैठे एसएमसी शिक्षकों के समर्थन में अब भारतीय मजदूर संघ भी उतर आया है। हिमाचल में सभी 2555 एसएमसी शिक्षक ने सरकार के सभी तय मापदंडों को पूरा करके ही विभिन्न स्कूलों में भर्ती हुए थे। आज तक जितनी भी शिक्षा विभाग में भर्तियां हुई है। एसएमसी शिक्षकों की भर्ती ही ऐसी है जो पूरी पारदर्शिता से हुई है।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष यशपाल हेटा ने कहा है कि ज्यादातर शिक्षक जनजातीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जहां पर नियमित शिक्षक भी जाने के लिए कतराते है। ज्यादातर एसएमसी शिक्षक पिछली कांग्रेस की सरकार में भर्ती हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने चुनाव के समय खुद बोला था कि एसएमसी शिक्षक हमारा लगाया पौधा है हम सत्ता में आते ही इनको पॉलिसी बनाकर रेगुलर करेंगे। काफी समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने इनके लिए अभी तक कोई भी स्थाई पॉलिसी नहीं बनाई है।
सरकार को एक साल से ऊपर का समय हो चुका है। इन शिक्षकों को अभी भी भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है। स्कूल खुल चुके हैं और कुछ स्कूल सोमवार से खुलने हैं। शिक्षकों की स्कूलों में वैसे ही भारी कमी है। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से मांग की है की एसएमसी शिक्षकों के लिए स्थाई पॉलिसी बनाकर इन्हें तुरंत रेगुलर किया जाए।
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