RTI से हुआ खुलासा: कोरोना काल में प्रदेश की जनता पर कटौती की मार, लेकिन सरकारी खर्चे पर मंत्री के बेटे कर रहे मौज
प्रदेश पर जहां 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है। वहीं, सरकार फिजूलखर्ची पर लगाम न लगाकर अफसरों के नाम पर महंगी गाड़ियां खरीद रही है। ये हाल तब हैं जब सरकार की ओर से आर्थिक तंगी का ठीकरा कोरोना के सिर फोड़कर हर चीज पर कटौती की कैंची चलाई जा रही है। ताज्जुब की बात तो यह है कि अफसर इस गाड़ी का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 27 लाख रुपये की एक गाड़ी अधिशाषी अभियंता (आईपीएच) के नाम पर खरीदी गई और वह भी मंत्री पुत्र के हवाले कर दी गई जिस पर सवार होकर वह समारोहों में जाते हैं। यह टोयोटा इनोवा क्रिस्टा टॉप मॉडल की गाड़ी इसी साल मार्च में पंजीकृत हुई है। इसके लिए 1 लाख रुपये देकर VVIP नम्बर भी लिया गया है।
मामला हिमाचल के मंडी (Mandi) जिले के धर्मपुर इलाके का है। यहां से कैबिनेट में सीएम (CM) के बाद दूसरा स्थान रखने वाले जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर विधायक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना से 27 लाख की एक टोयोटा और दो बोलेरो गाड़ियां खरीदने के लिए 40 लाख रुपये से भी अधिक खर्च किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट और कांग्रेस नेता भूपेंद्र ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जब से उक्त लग्जरी गाड़ी खरीदी गई है, तब से लेकर आज तक धर्मपुर, संधोल, सरकाघाट, मनाली और करसोग से लेकर कई स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज चेक की जाए, हर फुटेज में मंत्री का बेटा ही इस गाड़ी में घूम रहा है। उन्होंने कहा कि ‘घर में कई महंगी निजी एयर सरकारी गाड़ियां होने के बावजूद ऐसी कौन सी गरीबी पड़ गई जो एक्सईन धर्मपुर के नाम पर अपने बेटे के लिए जनता के पीने के पानी का बजट खर्च करना पड़ा।’
इलाके में यह भी चर्चा है कि भारी रकम खर्च करके लिया गया 0006 नंबर जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए है ताकि पता न चल सके कि बेटे की गाड़ी गई या मंत्री की। इसके अलावा मन्त्री के पास दो गाड़ियां जिनके नम्बर एच पी 07ई -0006 और एच पी 07 एच 0006 हैं, वे हिमाचल सरकार के जीएडी विभाग की हैं। इनके अलावा एक और गाड़ी आईपीएच विभाग की भी है। आरोप है कि जीएडी विभाग की गाड़ियों के नंम्बर भी एक जैसे ही हैं ताकि देखने वालों को इसकी पहचान न हो सके। आरएलए एवं एसडीएम (धर्मपुर) सुनील वर्मा ने कहा कि एचपी 86 0006 के लिए वीआईपी नंबर देने को लेकर अधिशासी अभियंता (भराड़ी, धर्मपुर) की ओर से 1 लाख रुपये जारी किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री के बेटे रजत ठाकुर ने इन आरोपों से इनकार किया है।