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NH पर कैंचीमोड़ से डयोड़ तक लैंडस्लाइड से हो रहे नुकसान का आकलन करेगी पुणे की कंपनी

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चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर पंडोह के कैंचीमोड़ से लेकर डयोड तक बार-बार लैंडस्लाइड से हो रहे नुकसान का आकलन एनएचएआई द्वारा पुणे की कंपनी के द्वारा कराया जा रहा है। जिसके बाद एनएचएआई द्वारा इन पहाड़ियों को बचाने के लिए बेहतर तकनीक से कार्य किया जाएगा। ताकि बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड का स्थायी समाधान हो सके।

बता दें कि पिछले 2 सालों से हाईवे के इस पैच में पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। एनएचएआई द्वारा जो सुरक्षा दिवारें लगायी गई थी, उनमें से कुछेक डंगे धराशाही हो गए हैं। वहीं अधिकतर डंगों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और यह डंगे भी लगातार खतरें की घंटी बजा रहें हैं। एनएचएआई प्रोजेक्ट डायेक्टर वरुण चारी ने बताया इन पहाड़ियों में चट्टानें नहीं हैं, जिस कारण जरा सी भी बारिश में मलबा सीधे हाईवे पर पहुंच रहा है।

पहाड़ियों का यह मबला डंगों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। कैंचीमोड़ से लेकर डयोड़ टनल तक यही हालात बने हुए है, जिससे एनएचएआई को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पुणे की कंपनी के द्वारा अब इस नुकसान का आकलन किया जाएगा, जिसके बाद एनएचएआई द्वारा यहां और बेहतर तकनीक से भूस्खलन से बचने के उपाय किए जाएंगे।

      बता दें कि आज सुबह भी कैंचीमोड के पास लैंडस्लाइड के चलते यह हाईवे 4 घंटे बंद रहा। पहाड़ी से यहां भारी मात्रा में मलबा और पत्थर आ गिरे थे, जिन्हें अब मशीनरी द्वारा हटा दिया गया है। सुबह 4 बजे यह लैंडस्लाइड़ हुआ था।

पंडोह चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि तेज बारिश के चलते देरी से मलबा हटाने का कार्य शुरू हो सका। 6 बजे के करीब संबंधित कंपनी की मशीनरी मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। लगभग 8 बजे तक मार्ग को एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया गया। जिसके बाद पुलिस की निगरानी में फंसे हुए वाहनों को सुरक्षित निकाला गया।

हाईवे का एक हिस्सा फिर धंसा

उधर, कैंचीमोड़ के पास हाईवे का ब्यास नदी के किनारे वाला हिस्सा फिर से धंस गया था। बता दें कि 2023 की आपदा में यह हाइवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद हर बरसात में कैंचीमोड़ के पास यह हाईवे क्षतिग्रस्त हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से यहां वाहनों को एकतरफा ही गुजारा जा रहा है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक