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कुरुक्षेत्र पुलिस के बड़े कारनामे का हुआ पर्दाफाश,

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Kurukshetra: धर्म और इतिहास की पवित्र भूमि कुरुक्षेत्र से इस बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस प्रशासन की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जिस विभाग को आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही अगर सवालों के घेरे में आ जाए, तो हालात चिंताजनक हो जाते हैं।

Kurukshetra: कुरुक्षेत्र पुलिस के शर्मसार करने वाले कारनामे का पर्दाफाश हुआ

लम्बे अरसे से मानवीय बिसरे एलएनजेपी अस्पताल की मोर्चरी में एफएसएल जांच होने की इंतजार कर रहे है कायदे से इन्हें 72 घण्टे में उचित स्थान पर प्रेषित हो जाना चाहिए था लेकिन तीन दर्जन बिसरे इंन्साफ़ की गुहार लगा रहे है लेकिन इनसे जुड़े मौत के राज डिब्बो में पड़े पड़े सड़ रहे है

Kurukshetra: डॉक्टर ने लापरवाही का ठीकरा पुलिस पर फोड़ा

अस्पताल प्रबंधन यानि एलएनजेपी अस्पताल की पीएमओ डॉक्टर सारा अग्रवाल ने लापरवाही का ठीकरा पुलिस के सर फोड़ते हुए कहा कि यह पुलिस की लापरवाही है उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि 30 40 बिसरे एलएनजेपी अस्पताल की मोर्चरी में लंबे अरसे से रखे हैं जोकि पड़े पड़े खराब हो जाते हैं पुलिस को कई बार कहा गया है लेकिन वह लापरवाही बरत रही है उन्होंने कहा कि कई बार तो पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी लेने नहीं आती

Kurukshetra: कानून व्यवस्था पर उठते सवाल

हरियाणा पुलिस हमेशा अपनी सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच के दावों के लिए जानी जाती रही है, लेकिन कुरुक्षेत्र में सामने आया यह मामला इन दावों की पोल खोलता दिख रहा है।

जनता का विश्वास टूटा– आम नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा देने वाली पुलिस अगर खुद सवालों के घेरे में आ जाए, तो जनता का विश्वास कमजोर पड़ता है।

2. प्रशासन की जिम्मेदारी – अगर पुलिस की लापरवाही या भ्रष्टाचार के कारण यह मामला सामने आया है, तो प्रशासन के लिए यह तय करना जरूरी हो जाता है कि कार्रवाई पारदर्शी और निष्पक्ष हो।

3. भ्रष्टाचार या साजिश? – क्या यह महज लापरवाही है या फिर इसमें किसी बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है? इसकी जांच की आवश्यकता है।

Kurukshetra: आगे क्या होगा?

अब बड़ा सवाल यह है कि—क्या यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा या फिर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी? पुलिस महकमे की साख को बचाने के लिए निष्पक्ष जांच और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई बेहद जरूरी है। अगर इस मामले में कोई बड़ा घोटाला छिपा है, तो इसकी परतें उधेड़ने की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि मीडिया और जनता की भी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक