श्रीहरिकोटा से इसरो ने कार्टोसैट-3 सैटेलाइट लॉन्च किया है। पृथ्वी पर नजर रखने वाले भारत के उपग्रह कार्टोसैट-3 और अमेरिका के 13 नैनो उपग्रह लेकर गया है। चंद्रयान 2 के बाद यह इसरो का यह बड़ा मिशन है। कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत सैटेलाइट है, जिसमें हाई रिजोल्यूशन तस्वीर लेने की क्षमता है। यह बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि के उपयोग और भूमि कवर के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।
कार्टोसैट -3 उपग्रह कार्टोसैट सीरीज का नौवां उपग्रह है जो कि अंतरिक्ष से भारत की सरहदों की निगरानी के लिए प्रक्षेपित किया जाएगा। सीमा निगरानी के लिए इसरो कार्टोसैट -3 के बाद दो और उपग्रह रीसैट-2 बीआर1 (Risat-2BR1) और रीसैट 2 बीआर 2 (Risat-2BR2) को पीएसएलवी सी-48 और पीएसएलवी सी-49 की मदद से दिसंबर में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाना है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि पीएसएलवी-सी47 ने कार्टोसैट-3 को सफलातपूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि कार्टोसैट..3 तीसरी पीढ़ी का दक्ष उन्नत उपग्रह है जिसमें ‘हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग’ क्षमता है। कार्टोसैट का समग्र वजन 1625 किलोग्राम और मिशन पांच वर्ष का है। यह व्यापक पैमाने पर शहरी योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत ढांचे का विकास, तटीय भूमि उपयोग आदि की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा।
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