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HPPTCL कार्यालय होगा सलाहकार की सलाह पर शिफ्ट कर्मचारी परेशान :विवेक शर्मा

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शिमला : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने सरकार द्वारा power transmission corporation ltd. कार्यालय को स्थानांतरण करने की नीति और नीयत पर कहा कि हिमाचल सरकार पी.पी.पी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से अब सी.पी.पी कांग्रेस प्राइवेट पार्टनरशिप की ओर बढ़ रही है। हिमफैड कोऑपरेटिव सोसाइटी के भवन में चल रहा HPPTCL का कार्यालय शिमला स्थित आई.एस.बी.टी के नजदीक हिमफैड की इमारत में चल रहा हिमाचल पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPTCL ) कार्यालय को शिफ्ट करने का व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान के भट्टा कूफर के नजदीक पंचायत क्षेत्र में उनके निजी भवन में HPPTCL का कार्यालय स्थानांतरण किया जा रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों की पीड़ा डी.ऐ, तनखाए के अतिरिक्त अब कार्यालय स्थानांतरण होने तक आ गई है।HPPTCL के कर्मचारियों ने इस मनमानी के पश्चात 22 कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र चीफ सेक्रेटरी हिमाचल प्रदेश को लिखा है। 5 लाख 63 हजार रुपए में 13,625 वर्ग फूट स्थान मे कार्यालय चल रहा है। जो आई.एस.बी.टी बस अड्डा से मात्र 500 मी की दूरी पर है। पार्किंग आदि की भी सुविधा है। जिसे अब स्थानांतरित करके भट्ठा कूफर के नजदीक पंचायत क्षेत्र में स्थानांतरित करने का प्रयास प्रदेश सरकार कर रही है।

जिसकी प्रक्रिया एक बार 2024 सितंबर में भी प्रारंभ हुई थी व अबकी बार दोबारा 23 जुलाई 2025 को पुनः टेंडर हुए हैं। हैरानी की बात है कि दोनों बार मैसेज नरेश चौहान, और मैसेज टोल प्लाजा शिमला नामक कंपनियों ने पार्टिसिपेट किया है।

जबकि टेंडर प्रक्रिया में कानूनी तौर से तीन टेंडर होना अनिवार्य है। टेंडर में बिल्डिंग का स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट से लेकर के अन्य विभागीय NOC का कोई जिक्र नहीं है और किराया भी वर्तमान किराए से अधिक है। प्रदेश सरकार की अगर पॉलिसी का अध्ययन करें तो प्राइवेट क्षेत्र में किराए के 14 कार्यालय को नगर निगम की बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है और यहां तक के कुछ कार्यालय को शिमला से बाहर भी भेजा जा रहा है। फिर आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई है ढाई लाख की सैलरी पाने वाले सरकार के मीडिया सलाहकार को अप्रत्याशित सहयोग करना प्रदेश सरकार की मजबूरी हो गई है। वित्त वर्ष 2022-23 से 105 करोड़ के वित्तीय घाटे से चल रहे HPPTCL पर आर्थिक बोझ क्यों डाला जा रहा है। जब के विभाग कर्मचारियों को DA में वृद्धि देने में असमर्थ है।

कर्मचारियों ने अपने सुझाव पत्र में लिखा है की घोड़ा चौकी स्थित गवर्नमेंट प्रेस में बहुत स्थान है हमें वहां शिफ्ट कर दिया जाए। इसके बावजूद शहर से बाहर एक पंचायत क्षेत्र के भवन में कार्यालय को स्थानांतरण करने के पीछे की क्या दास्तां है। चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में अपनी पीड़ा का व्याख्यान करते हुए कर्मचारियों ने अनेक भावनात्मक और व्यवहारिक दावे किए हैं। लेकिन जो व्यक्ति स्वयं एक्सटेंशन की कृपा दृष्टि पर हो उसके सामने यह अपील व्यर्थ है। मुख्यमंत्री के लिए कर्मचारियों की बददुआएं लेने से बेहतर है सी.एम पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कंपनी नोएडा स्थित, जिसे मुख्यमंत्री की छवि सुधारने का काम दिया गया है उसका कार्यालय शहर से बाहर भट्ठा कूफर में खुलवा दे। जनहित के साथ-साथ कांग्रेस हित भी हो जाएगा और सलाहकार भी खुश हो जाएगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक