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आर.ए.एम.पी. तथा उद्योग 4.0 तकनीक विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के प्रदर्शन को बढ़ावा देना और तीव्रता लाना (आर.ए.एम.पी.) तथा उद्योग 4.0 तकनीक विषय पर आज सोलन ज़िला के परवाणू में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाई के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रिवर्स इंजीनियरिंग व 3डी  प्रिंटिंग सॉल्यूशन  के माध्यम से इलेक्ट्रिक उत्पादन में गति लाने के लिए संबध में सारगर्भित चर्चा की गई।
जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता परवाणू स्थित एकल खिड़की स्वीकृति एजेंसी की सदस्य सचिव राकेश बाला ने की।
जागरूकता कार्यक्रम में परवाणू में कार्यरत ऑटोमोटिव, रक्षा, घरेलू उपकरण बनाने वाली सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों ने भाग लिया। इन कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने नवीन तकनीक अपनाने के संबंध में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों पर चर्चा की।
राकेश बाला ने कहा कि आर.ए.एम.पी. कार्यक्रम के तहत बेहतर उत्पादन एवं उद्योग 4.0 तकनीक का अपनाया जाना भविष्य में बेहतर लाभ कमाने और उद्योगों की वृद्धि के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने के लिए सरकार द्वारा आर.ए.एम.पी. एवं उद्योग 4.0 तकनीक कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि उद्योग जगत के प्रतिनिधि व्यवहारिक जानकारी प्राप्त कर सकें।


जागरूकता कार्यक्रम में कृत्रिम मेधा (ए.आई.), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आई.ओ.टी.), मशीन लर्निंग (एम.एल.), स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग सहित अन्य विषयों पर जानकारी प्रदान की गई।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के विशेषज्ञों ने स्केल डिजाईन, अनुसंधान एवं विकास तथा रिवर्स इंजीनियरिंग एवं 3डी प्रिंटिंग के प्रयोग से नए उत्पाद के विकास विषय पर जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में डिजिटल ट्विन तकनीक के प्रयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम में बी.आई.टी.एस. टेकनॉलोजी के शलव, माईक्रोटेक के रोहित शर्मा व स्पेक्ट्रा टेकनोविज़न के इश्वीर सिंह सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों के साथ विचार-विमर्श किया गया और उद्योग 4.0 निवारण तकनीकें अपनाने पर व्यावहारिक चर्चा की गई। सूक्ष्म, लघु तथा उद्योग जगत के प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों विशेषकर नवीन तकनीक के इकाई तथा समूह स्तर पर कार्यान्वयन के संबंध में अपनी शंकाएं प्रस्तुत की जिनका समुचित निवारण किया गया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक