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सैन्य सम्मान के साथ दी जाएगी नमांश स्याल को अंतिम विदाई

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शुक्रवार को दुबई में एयर शो के दौरान तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल बलिदान हो गए थे। रविवार दोपहर करीब एक बजे उनकी पार्थिव देह एयरफोर्स के विशेष विमान से गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे पर पहुंची। नमांश स्याल के माता-पिता, पत्नी व बेटी भी पार्थिव देह के साथ आए। यहां से पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव पटियालकड़ ले जाया जाएगा। यहां मोक्षधाम में सैन्य सम्मान के साथ नमांश स्याल की अंत्येष्टि की जाएगी।नमांश स्याल की चिता को मुखाग्नि उनके चचेरे भाई देंगे। नमांश का कोई सगा भाई नहीं है। उनकी इकलौती बेटी है। नमांश स्याल के ताया जोगिंद्र स्याल व रिश्तेदार उनके घर में हैं। इन दिनों नमांश की पोस्टिंग कोयंबटूर के सैलूर में थी। उनकी पत्नी अफशां एयरफोर्स में पायलट हैं और इन दिनों कोलकाता में प्रशिक्षण पर थीं। उनकी सात वर्षीय बेटी की देखभाल के लिए नमांश के माता-पिता सैलूर में ही थे। जोगिंद्र स्याल ने बताया कि रविवार को करीब नौ बजे कोयंबटूर से एयरफोर्स के विशेष विमान में नमांश की पार्थिव देह को लाया गया। इसके बाद दिल्ली से गगल एयरपोर्ट के लिए उड़ान होगी। नमांश के घर में सुबह से शोक व्यक्त करने के लिए लोग पहुंच गए हैं।नमांश ताया-तायी का भी लाडला था। उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। भतीजे की पार्थिव देह के इंतजार में दोनों की आंखें पथरा गई हैं। स्कूल शिक्षक उनकी बहन प्रिया भी दुखद समाचार को सुनकर बेहद टूट चुकी हैं। ताया जोगिंद्र स्याल ने कहा कि उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। बता दें कि नमांश स्याल के घर में अभी कोई नहीं रहता है। उनके ताया-तायी जोगिंद्र स्याल और मधु बाला धर्मशाला के पास सिद्धबाड़ी में रहते हैं जो निधन की खबर के बाद पैतृक गांव पहुंच गए हैं। घर में सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। माहौल गमगीन हैपटियालकर के एक गांव वाले प्रताप चंद कहते हैं कि नमांश की दुबई में जान चली गई, और हम सब उसे श्रद्धांजलि देने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। उसके पिता आर्मी में थे, और उसकी मां हाउसवाइफ हैं। उसकी पत्नी भी इंडियन एयर फोर्स में विंग कमांडर हैं। सभी गांव वाले नमांश को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक