जल शक्ति विभाग में ठेकेदारों से भर्ती पर रोक, कैबिनेट जाएगा स्थाई नीति बनाने का मामला
जल शक्ति विभाग में अब किसी भी कर्मचारी की ठेकेदारों के माध्यम से भर्तियां नहीं होंगी। विभाग अपने स्तर पर भर्तियां करेगा। शिमला में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया है। विभाग को ठेकेदारों के माध्यम से विभिन्न तरह के 4136 कर्मियों के एवज में 98 करोड़ रुपए चुकाने पड़ रहे हैं, जबकि विभाग के माध्यम से खर्चा लगभग 26 करोड़ रुपए आएगा। इसलिए इस मुद्दे पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा।
समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आपदा से जल शक्ति विभाग को 4150 करोड़ का तीन साल में नुकसान हुआ है। भरपाई के लिए केवल 800 करोड़ रुपए मदद के रूप में मिला है। राहत के लिए बड़े फंड की जरूरत है। 424 करोड़ रुपए मेंटेनेंस के लिए वित्त विभाग से मांगा गया है। 1227 करोड़ जल जीवन मिशन का केंद्र सरकार से मिलना है जो अभी नहीं मिला है। आपदा के कारण तीन साल में 46 हजार 917 जगह स्कीमें खराब हुई।
समीक्षा बैठक में करुणामूलक आधार पर 505 प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। 76 लोगों को करुणामूलक आधार पर भर्ती किया गया है। जल रक्षक पॉलिसी के तहत 1,346 कर्मचारियों को पैरा पंप ऑपरेटर बनाया गया है। सरकार चाहती है कि जल रक्षकों को पंप ऑपरेटर या अन्य पदों पर लाने की अवधि 12 साल से घटाकर 8 साल की जाए। इसके अलावा लगभग 4,000 मल्टीपर्पज वर्कर बिना नीति के कार्यरत हैं। इनके लिए अलग नीति का प्रस्ताव भी कैबिनेट में जाएगा। पंप ऑपरेटर, पैराफिटर और मल्टी पर्पज वर्कर की सैलरी बढ़ाने के लिए पॉलिसी कैबिनेट में ले जाएंगे।
वहीं एचआरटीसी पेंशनरों के प्रदर्शन पर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से सरकार बनी है तब से तनख्वाह और पेंशन हर महीने दी जा रही है। सभी को हर महीने पेंशन मिलेगी। इसके लिए सरकार से अतिरिक्त ग्रांट मांगी गई है। मुख्यमंत्री के विदेश से लौटते ही पेंशन देने की फ़ाइल साइन होगी।
150 करोड़ के लोन की एचआरटीसी कर्मचारियों की देनदारियों के लिए कैबिनेट से मंजूरी आ गई हैअब बैंक से नेगोशिएशन होगी। आपदा में केंद्र से सहायता पर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी इसको राजनीतिक एजेंडे पर ले जाने की कोशिश कर रही है। प्रदेश को पीएम मोदी की घोषणा के अनुरूप 1500 करोड़ एकमुश्त मिलना चाहिए।