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कांग्रेस को न तो उनके पुनर्वास की चिंता की और न ही आवास की : बिंदल

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सिरमौर, सेवा पखवाड़े के अंतर्गत पांवटा ब्लाॅक के हरिपुर क्षेत्र में विशाल स्वास्थ्य शिविर लगाया गया जिसमें हर प्रकार की स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ पूरी औषधियां उपलब्ध करवाई गई। इस मौके पर 75 आपदा प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरति की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के नाते पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आपदा प्रभावित लोगों के साथ अन्याय और शोषण के आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बदहाली में छोड़ दिया है। न तो उनके पुनर्वास की चिंता की और न ही आवास की। हरिपुर खोल क्षेत्र में 16 परिवार पिछले एक महीने से विस्थापित का जीवन जी रहे हैं परन्तु सरकार की ओर से फूटी कौड़ी की राहत उपलब्ध नहीं करवाई गई है। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद न तो प्रभावित परिवारों को भूमि उपलब्ध करवाई गई और न ही किसी प्रकार की आपदा राहत राशि और सामग्री उपलब्ध करवाई गई।


डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि इसी इलाके में कुछ परिवार ऐसे हैं जिनका एक फूटी कौड़ी का नुकसान नहीं हुआ और उन्हें 5-5 बीघा जमीन दे दी गई जबकि ये आपदा प्रभावित परिवार जिनकी जमीने धंस गई है, मकान टूट गए हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं, आमदनी का जरिया कोई नहीं है इन इलाकावासियों के लिए कांग्रेस की सरकार विरोधी की भूमिका में खड़ी हुई है।
डाॅ0 बिन्दल ने सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए 6800 करोड़ रू0 की स्वीकृतियां देने के बावजूद झूठ और फरेब की राजनीति करते-करते विगत 3 साल से जनता को गुमराह कर रहे हैं। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि सरकार द्वारा लिया गया 40 हजार करोड़ रू0 का कर्ज कहां गया ? केन्द्र सरकार द्वार प्रदत सड़कों के निर्माण के हजारों करोड़ रू0, पेयजल निर्माण के हजारों करोड़ रू0, स्वास्थ्य एवं अन्य जन सेवा के हजारों करोड़ रू0 प्रदेश की धरती पर लगे हुए दिखाई नहीं देते। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सीआरएफ व आपदा राहत के पैसो में भाई-भतीजावाद सर चढ़कर बोल रहा है जिसके कारण प्रदेश की जनता त्रस्त है और सरकार विदेशी दौरो में व्यस्त है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक