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समय रहते उठाए गए सुरक्षात्मक उपायों से लारजी विद्युत परियोजना को नहीं पहुंचा नुकसान

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वर्ष 2023 की आपदा के अनुभव से हिमाचल प्रदेश सरकार इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ की चुनौती के बीच लारजी जलविद्युत परियोजना को सुरक्षित रखने में सफल रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की तैयारियों के चलते 126 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना का संचालन निर्बाध रूप से जारी रहा तथा पावर हाउस पूरी तरह सुरक्षित रहा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड ने भविष्य की चुनौतियों को भांपते हुए एक व्यापक सुरक्षा योजना पर कार्य करना शुरू किया। समय रहते सुरक्षा उपाय अपनाए, जिनमें फ्लड गेट्स की स्थापना प्रमुख रही। गेट्स के कारण ब्यास नदी में आई बाढ़ के बावजूद परियोजना स्थल और मुख्य प्रवेश द्वार सुरक्षित रहे तथा विद्युत गृह में रिसने वाले पानी को तुरंत निकाला गया। परिणामस्वरूप विद्युत गृह को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
इसके अतिरिक्त, बोर्ड प्रबंधन ने फरवरी 2025 में ही जनरेशन विंग के युक्तिकरण के तहत लारजी परियोजना में फील्ड और तकनीकी श्रेणियों के पद सृजित किए थे, जिससे परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सका। लारजी परियोजना की टीम ने स्थल पर सुरक्षा योजना को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए 26 अगस्त, 2025 को आई बाढ़ से गाद जमने की स्थिति में भी परियोजना को सुरक्षित रखने में सफलता प्राप्त की।
वर्ष 2023 में हुई तबाही के कारण लारजी जल विद्युत परियोजना लगभग छह महीने पूरी तरह से बंद रही थी, जिसके कारण लगभग 95 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अतिरिक्त इस परियोजना को फिर से सुचारु बनाने के लिए 185 करोड़ रुपए भी खर्च करने पड़े थे। अगर सजगता के साथ सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए जाते तो हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को इतना ही नुकसान उठाना पड़ सकता था, जिससे राज्य सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ता।
मुख्यमंत्री ने लारजी परियोजना को बाढ़ से बचाने के लिए किए गए सुरक्षात्मक उपायों पर संतोष व्यक्त किया और परियोजना विशेष सुरक्षा योजना को निरंतर प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने लारजी परियोजना की सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान देने वाले बोर्ड प्रबंधन, अभियंताओं और कर्मचारियों की पूरी टीम को बधाई दी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक