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गांव-गांव से उठ रही शराब विरोध की आवाज़, फिर भी कांग्रेस सरकार जबरन थोप रही ठेके – रवि मेहता*

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शिमला ग्रामीण से भाजपा प्रत्याशी रवि मेहता ने प्रदेश सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि एक ओर कांग्रेस सरकार मीडिया में नशा विरोधी दिखावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर गांव-गांव में शराब के ठेके जबरन थोपे जा रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की दोहरी मानसिकता और जनविरोधी नीति का जीता-जागता प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि सुन्नी उपमंडल की चेबड़ी पंचायत इसका ताजा उदाहरण है, जहां 10 जुलाई 2025 को ग्राम सभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जिला पंचायत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें क्षेत्र में शराब का ठेका न खोलने की स्पष्ट मांग की गई। इस पत्र में पंचायत प्रधान, उपप्रधान और सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं, और इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि ठेका खुलने से छेड़छाड़, अपराध, सामाजिक विघटन और असुरक्षा का माहौल पैदा होगा।
रवि मेहता ने तीखे शब्दों में सवाल उठाया कि जब पंचायतें, महिलाएं और ग्रामीण जनप्रतिनिधि एकमत होकर ठेकों का विरोध कर रहे हैं, तो सरकार किस दबाव में आकर जनता की भावनाओं के विपरीत निर्णय ले रही है? क्या प्रदेश की जनता की राय अब शराब माफिया से कम अहमियत रखती है?
उन्होंने याद दिलाया कि यह वही कांग्रेस सरकार है, जो Excise Policy में बड़ी राजस्व वृद्धि के नाम पर नशे को बढ़ावा देने वाले फैसलों को सही ठहराती है, जबकि दूसरी ओर कागजों पर नशा विरोधी कार्यक्रमों की तस्वीरें फैलाकर अपनी पीठ थपथपाती है।
रवि मेहता ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने चेबड़ी पंचायत और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की आपत्तियों को दरकिनार कर जबरन ठेके खोले, तो भारतीय जनता पार्टी जनांदोलन छेड़ेगी और गांव-गांव जाकर सरकार के असली चेहरे को बेनकाब करेगी।
प्रमुख मांगें:
1. ग्राम सभाओं द्वारा पारित प्रस्तावों का सम्मान हो, NOC की अनदेखी बंद हो। पंचायतें NOC व्यक्तिगत हित में नहीं देतीं, ये निर्णय सार्वजनिक ग्राम सभाओं में जनमत से लिए जाते हैं।


2. चेबड़ी पंचायत में चल रहे आंदोलन पर सरकार व प्रशासन तत्काल संज्ञान लें।
3. आंदोलनरत लोगों पर दर्ज की गई FIRs और मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं।
4. जिस अधिकारी या मंत्री के दबाव में जनभावनाओं को रौंदते हुए ठेके खोले जा रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो।
रवि मेहता ने चेताया कि यह जनसंवेदनाओं से जुड़ा विषय है, और यदि सरकार ने पंचायतों के अधिकारों को दरकिनार कर ग्रामीणों की आवाज दबाने की कोशिश की, तो भाजपा हर गांव में मोर्चा खोल देगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक