इनफर्टिलिटी के लिए लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन* *वेरीकोसिल रोग के सफल ऑपरेशन साई संजीवनी हॉस्पिटल सोलन में हुए*
वेरीकोसिल नामक रोग एक नसों की बीमारी है जिसके कारण पुरुष में शुक्राणु कम मात्रा में बनने शुरू हो जाते हैं ।
यह रोग 14- 15 साल की उम्र से शुरू हो जाता है तथा जब भी अंडकोष की रक्त आपूर्ति बाधित हो जाती है तो शुक्राणु कम मात्रा में बनने शुरू हो जाते हैं। वेरीकोसिल खून की नसों का वह रोग है जो उन पुरुषों में होता है जो लंबे समय तक खड़े रहने का कार्य करते हैं जैसे बस कंडक्टर, पुलिस कर्मचारी और कटिंग का काम करने वाले।
वेरीकोसिल के कारण इन पुरुषों में गहरा दर्द लंबे समय तक होना संभव है। पुरुषों में इसके कारण हीन भावना तक आ जाती है। इस भावना के कारण पुरुष कई बार विवाह के लिए भी इनकार करने लग जाते हैं। वेरीकोसिल वैसे कुछ मात्रा में दवा से भी हल हो जाता है लेकिन बहुत बार ऑपरेशन की आवश्यकता भी पड़ जाती है। वेरीकोसील के ऑपरेशन में इन नसों को आंशिक रूप से बंद किया जाता है। ओपन सर्जरी एक विकल्प है परंतु अब लेप्रोस्कोपी यानी दूरबीन द्वारा भी इसका इलाज संभव है।
दूरबीन द्वारा किए जाने के बाद व्यक्ति एक दिन में अपने घर की ओर चला जाता है। तथा ऑपरेशन के बाद की तकलीफ भी बहुत कम हो जाती है। दो टानको के ऑपरेशन के बाद यह नसें गंदे खून को अंडकोष की ओर परवाह नहीं होने देती। साथ ही साथ शुक्राणु धीरे-धीरे अपने नॉर्मल अंक को प्राप्त कर जाते हैं। तथा इनफर्टिलिटी का खतरा भी टल जाता है ।
साई संजीवनी हॉस्पिटल सोलन के डॉक्टर संजय अग्रवाल ने बताया की रमेश का ऑपरेशन किया अभी एक हफ्ता ही हुआ है और वह अपने काम पर लौट चुका है।
लेप्रोस्कोपी द्वारा वेरीकोसिल ऑपरेशन अपने आप में एक नई तकनीक का नमूना है जिसके चलते यह सब संभव है। इनफर्टिलिटी के मुख्य कारणों में वेरीकोसिल आता है। लेप्रोस्कोपी द्वारा यूं तो पित्ते की पथरी, गुर्दे तथा मूत्राशय के सभी रोग जहां ऑपरेशन की आवश्यकता है आज के दौर में रोगी को जल्द स्वस्थ करने में मददगार है।