‘दुर्भाग्यपूर्ण, अस्पतालों में डॉक्टर और दवाईयों के लाले और पर्ची शुल्क कर दिया दस रुपये -मार्कडेय
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा 5 जून से अस्पतालों में जाने वाले सभी मरीजों से ₹10 पर्ची शुल्क लेने का जो निर्णय लिया है उस पर पूर्व मंत्री डॉ रामलाल मार्कडेय ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने गरीबों को स्वास्थ्य का अधिकार देते हुए अनेकों कदम उठाए थे और अस्पतालों में मुफ्त पर्ची और सभी टेस्ट बिल्कुल मुफ्त किए थे जिससे गरीब व वंचित लोग सुरक्षित महसूस करते थे परंतु वर्तमान सरकार ने एक के बाद एक जनविरोधी निर्णयों से गरीबों और उनकी सुविधाओं को एक एक करके छिनने का कार्य शुरू कर दिया है। बसों में भारी भरकम वृद्धि के बाद अब स्वास्थ्य सुविधाओं को गरीबों की पहुँच से दूर किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार ने गरीब मरीजों को अस्पताल में जो विभिन्न टैस्ट की फ्री सुविधा मिलती थी उसका भी अब शुल्क लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस सरकार अपनी आर्थिक स्थिति का रोना रोकर अब गरीबों को भी प्रताड़ित करने में जुटी हुई है।
डॉ रामलाल मार्कडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश को फ्री ड्रग पॉलिसी के तहत निशुल्क उपचार और फ्री डायग्नोस्टिक इनिशिएटिव सर्विसेज के तहत निशुल्क जांच की सुविधा दी गई है। जो देशवासियों का संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है। यह दुखद है कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार हिमाचल के लोगों का यह मौलिक अधिकार को अब छीन रही है। अब प्रदेशवासी बीमारी से ग्रस्त होकर अगर अस्पताल भी जाए तो वहां भी सरकार शुल्क वसूल रही है। उन्होंने कहा कि सुख की सरकार शुल्क लगाने में यकीन रखती है लेकिन मरीजों को सुविधाएं देने में नहीं। प्रदेश के कई अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं और एक्स-रे मशीन खराब हैं। डॉ रामलाल मार्कडेय ने कहा कि जब इस फैसले का पहले विरोध किया गया था तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि फ्री की पर्ची को लोग गुम कर देते हैं। ऐसे में उन्हें जब ₹10 खर्च करने पड़ेंगे तो वह वह सरकारी अस्पताल की पर्ची को संभाल कर रखेंगे। उनका यह बयान भी बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है। इस फैसले से प्रदेश के लाखों मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी क्योंकि सरकार ने पहले ही उनके कई लाभ बंद कर दिए हैं और अब स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा पर भी शुल्क लगाकर वह आम जनता का शोषण करने में जुटी हुई है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को एक बार फिर से अपने फैसले पर विचार करना चाहिए। वरना लाहौल स्पीति विकास मंच के कार्यकर्ता आम जनता के साथ सड़कों पर उतरकर जनहित के खिलाफ लिए जा रहे फैसलों का विरोध करेगी।