चूड़धार मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को नहीं देना होगा प्रवेश शुल्क, नए आदेश जारी
हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल चूड़धार मंदिर में श्रद्धालुओं से प्रवेश शुल्क वसूलने के आदेश को हिमाचल प्रदेश वन विभाग (वन्यजीव विंग) ने तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह फैसला प्रदेशभर में उपजे जन आक्रोश, धार्मिक संगठनों के विरोध और शिरगुल महाराज के एक भक्त द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई याचिका के बाद लिया गया।
यह मंदिर चूड़धार वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत स्थित है और हिमाचल, उत्तराखंड व हरियाणा सहित देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां हर वर्ष दर्शन के लिए आते हैं।
वन विभाग द्वारा जारी नवीन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 2 अप्रैल, 2025 को जारी शुल्क अधिसूचना को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। विभाग ने स्वीकार किया कि इस निर्णय से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और इससे धार्मिक स्वतंत्रता में अवरोध की आशंका उत्पन्न हुई।
वन विभाग का मूल उद्देश्य अभयारण्य में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता सुधार और आवश्यक सुविधाओं के विस्तार हेतु यह शुल्क लगाना था। परंतु धार्मिक स्थल पर प्रवेश शुल्क लगाने की घोषणा ने भारी जनविरोध को जन्म दिया। यह मुद्दा तब राष्ट्रीय स्तर पर उभर कर सामने आया जब राष्ट्रपति को याचिका भेजी गई। इसके बाद प्रशासन ने नीति की समीक्षा की और आदेश को फिलहाल निलंबित करने का निर्णय लिया।